बिहार नियोजित शिक्षकों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
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बिहार नियोजित शिक्षकों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल

मखीजा ने इसके पीछे तर्क दिया था कि RTE एक्ट के नए संशोधन के मुताबिक पहले से पढ़ा रहे है शिक्षकों को हर हाल में  2019 तक TET पास करना अनिवार्य है और इस दलील के साथ ही मखीजा ने अपनी बहस पूरी कर ली.  

फाइल फोटो

नई दिल्लीः बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों के समान वेतन मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी.जस्टिस ए एम सप्रे और जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ बुधवार को दोपहर दो बजे इस मामले की सुनवाई करेगी.इससे पहले करीब 93 हजार TET पास नियोजित शिक्षकों की ओर से वरिष्ठवकील विभा दत्त मखीजा ने पक्ष रखा था.मखीजा ने कहा था कि क्वालटी एजुकेशन तभी दिया जा सकता है जब हमारे पास क्वालटी टीचर हों, क्योंकि NCTE के हिसाब से आज की तारीख में न्यूनतम शिक्षक योग्यता के साथ-साथ TET पास होना अनिवार्य है और यह बहुत ही कठीन परीक्षा है, जिसमें अधिकतम 10 से 15 फीसदी ही बच्चे पास हो पाते है. ऐसे में क्यों न TET पास नियोजित शिक्षकों को ही सबसे पहले समान वेतन के दायरे में लाया जाए.

मखीजा ने इसके पीछे तर्क दिया था कि RTE एक्ट के नए संशोधन के मुताबिक पहले से पढ़ा रहे है शिक्षकों को हर हाल में  2019 तक TET पास करना अनिवार्य है और इस दलील के साथ ही मखीजा ने अपनी बहस पूरी कर ली.  

*बिहार सरकार को केंद्र का मिला था समर्थन* 
केंद्र सरकार ने बिहार सरकार का समर्थन करते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन का विरोध किया था. कोर्ट में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के स्टैंड का समर्थन किया था.केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर 36 पन्नों के हलफनामे में कहा गया था कि इन नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दियाजा सकता क्योंकि समान कार्य के लिए समान वेतन के कैटेगरी में ये नियोजित शिक्षक नहीं आते.ऐसे में इन नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तर्ज पर समान कार्य के लिए समान वेतन अगर दिया भी जाता है तो सरकार पर प्रति वर्ष करीब  36998करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा. केंद्र ने इसके पीछे यह तर्क दिया था कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को इसलिए लाभ नहीं दिया जा सकता क्योंकि बिहार के बाद अन्य राज्यों की ओर से भी इसी तरह की मांग उठने लगेगी.  

क्या है पूरा मामला? 
बिहार में करीब 3.7 लाख नियोजित शिक्षक काम कर रहे हैं। शिक्षकों के वेतन का 70 फीसदी पैसा केंद्र सरकार और 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार देती है.वर्तमान में नियोजित शिक्षकों (ट्रेंड) को  20-25 हजार रुपए वेतन मिलता है.अगर समान कार्य के बदले समान वेतन की मांगमानलीजाती है तो शिक्षकों का वेतन  35-44 हजार रुपए हो जाएगा.