तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच रिश्तों में खटास की अटकलें काफी समय से चली आ रही हैं. लेकिन इस खटास की वजह का खुलासा अब हो चुका है.
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पटनाः तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच रिश्तों में खटास की अटकलें काफी समय से चली आ रही हैं. लेकिन इस खटास की वजह का खुलासा अब हो चुका है. और ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद तेजप्रताप यादव ने किया है. दोनों भाईयों के बीच खटास की वजह बनकर सामने आए हैं संजय.
तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच के रिश्तों में खटास की खबरें तो आपने काफी सुनी होंगी. तेजप्रताप यादव हमेशा इन खबरों का खंडन करते रहे हैं. लेकिन अब इन खबरों के खंडन की वजह नहीं रहेगी क्योंकि सच्चाई अब सामने आ चुकी है.
दरअसल, 21 अगस्त को पटना में अतिक्रमण हटाओ अभियान चला. जिसके तहत पटना स्टेशन के पास के दूध मार्केट को भी अतिक्रमण के तहत हटाया गया. शाम में तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव दूध व्यवसाईयों के समर्थन दूध मार्केट के पास धरने पर बैठे. दोनों भाई 8 घंटों तक धरने पर बैठे रहे. पटना नगर निगम की ओर से दूध व्यवसाईयों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन दिये जाने के बाद धरना खत्म हुआ. धरनास्थल पर पहले तेजप्रताप यादव की गाडी लगी थी उसके बाद तेजस्वी यादव की गाडी लगी थी.
धरना खत्म होने के बाद जैसे ही तेजस्वी अपनी गाड़ी की ओर बढ़े उनकी सिक्योरिटीवालों ने सामने की गाड़ी हटवानी शुरु कर दी. लेकिन वो भूल गये कि तेजस्वी के सामने तेजप्रताप की गाड़ी लगी थी. सिक्योरिटी गार्ड की ओर से गाड़ी हटाने की बात सुनकर तेजप्रताप आगबबुला हो गये. तेजप्रताप यादव ने गार्ड को जमकर फटकार लगाई. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने संजय को भी निशाने पर ले लिया.
तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी के सिक्योरिटी गार्ड को कुछ इंस अंदाज में हडकाया " संजैवा जो सिखा रहा है वही कर रहे हो तुमलोग, हमसे ज्यादा फिकर है तुमको, वो मेरा अर्जुन है." जल्दबादी में तेजप्रताप की नाराजगी भरे शब्दों ने उन तमाम पड़तों की सच्चाई उजागर कर दी जो आमतौर पर छुपी हुई रहती हैं.
अब जरा संजय यादव को भी जान लीजिए. संजय यादव तेजस्वी के पीएस हैं. तेजस्वी के साथ साए की तरह रहते हैं. तेजस्वी के डिप्टी सीएम के वक्त भी संजय ही उनके पीएस थे. यह माना जाता है कि तेजस्वी की जो राजनीतिक गतिविधी होती है वो संजय यादव की तय करते हैं. कुल मिलाकर कहा जाय तो तेजस्वी यादव के थिंक टैंक संजय यादव ही है. संजय यादव के आगे तेजस्वी यादव परिवार में किसी की नहीं सुनते. यहां तक की अपने भाई तेजप्रताप यादव की भी नहीं.
इससे पहले भी तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी के दूसरे पीए मणि यादव को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. तेजप्रताप ने सोशल मीडिया और चिट्ठियों के जरिये भी तेजस्वी को लगातार आगाह करते रहे हैं कि उनके आसपास के लोग उनको गुमराह कर रहे हैं. यहां तक कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए टिकट बंटवारे में हुई गड़बड़ी के लिए तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी के इन्हीं सलाहकारों को जिम्मेवार ठहराया था.