RLSP के मार्च में नहीं शामिल हुए तेजस्वी यादव, बैकफुट पर महागठबंधन
गांधी मैदान से महागठबंधन और वामदलों का संयुक्त मार्च निकला गया जिसका नेतृत्व आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा कर रहे थे.
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पटना: केंद्र और सरकार की नीतियों के खिलाफ महागठबंधन ने अपनी एकता को दिखाते हुए आक्रोश मार्च किया. गांधी मैदान से महागठबंधन और वामदलों का संयुक्त मार्च निकला गया जिसका नेतृत्व आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा कर रहे थे.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ,और वाम दल के नेता मार्च में शामिल हुए.
आक्रोश मार्च के दौरान गांधी मैदान से निकलकर कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले इन बड़े नेताओं का ज्ञापन लेने के लिए सिटी मजिस्टेट को नियुक्त किया गया था. पटना के जिला अधिकारी कुमार रवि कार्यालय में मौजूद नहीं रहे. जिला अधिकारी को कार्यालय में मौजूद नहीं देख उपेंद्र कुशवाहा गुस्से से भड़क उठे कुशवाहा ने आरोप लगाया कि जिला अधिकारी जानबूझकर विपक्ष के बड़े नेताओं की अनदेखी कर रहे हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं के आने को देखकर जिला अधिकारी को मुख्यमंत्री आवास से कंट्रोल लिया जा रहा है और एक अणे मार्ग से फरमान आने के बाद जिला अधिकारी गायब हैं. वहीं, सीपीआई के नेता सत्यनरायण ने कहा है कि जिला प्रशासन से हमे नेग्लेट किया गया है. वहीं, कुशवाहा ने कहा कि बिहार में सरकार चौपट स्थिति में पहुंच चुकी है और विपक्ष का यह विरोध आगे भी जारी रहेगा.
महागठबंधन में मार्च को लेकर पहले से ही एकजुटता नहीं दिख रही थी. वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने एकजुटता दिखाने की कवायद की लेकिन उसके बाद भी तेजस्वी यादव गायब रहे जो कि महागठबंधन के लिए कमजोर कड़ी बन गया और सत्ता पक्ष को बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया.