तेजस्वी यादव का सपोर्ट करने के लिए उनके भाई तेजप्रताप यादव भी पहुंचे. इसके बारे में ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि पटना रेलवे जंक्शन के पास दशकों से स्थित दुग्ध मार्केट को तानाशाही नीतीश प्रशासन ने अचानक ध्वस्त कर दिया.
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पटना: आरजेडी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे. 20 अगस्त को पटना पहुंचते ही तेजस्वी यादव एक्टिव नजर आए. तेजस्वी अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना रेलवे स्टेशन के पास दूध बाजार को तोड़े जाने के विरोध में बुधवार रात धरने पर बैठ गए.
इस दौरान तेजस्वी यादव का सपोर्ट करने के लिए उनके भाई तेजप्रताप यादव भी पहुंचे. इसके बारे में ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि पटना रेलवे जंक्शन के पास दशकों से स्थित दुग्ध मार्केट को तानाशाही नीतीश प्रशासन ने अचानक ध्वस्त कर दिया. दूध व्यवसायियों ने प्रशासन से मार्केट तोड़ने के आदेश की कॉपी मांगी लेकिन प्रशासन यह दिखाने में असमर्थ रहा और बंदूक़ की नोक पर ज़बरदस्ती एक मंदिर सहित मार्केट को तोड़ दिया.
साथ ही उन्होंने एक और ट्वीट किया और कहा कि 'भारी बारिश के बावजूद ढाई घंटे से घटनास्थल पर हूं लेकिन कोई भी वरिष्ठ अधिकारी यहां मार्केट तोड़ने के आदेश की कॉपी लेकर नहीं आया है. सभी बड़े अधिकारियों ने फ़ोन बंद कर लिए है. परसों जन्माष्टमी है लेकिन आज ही भगवान श्रीकृष्ण मंदिर को तोड़ दिया. कायर सरकार छुप क्यों रही है?
इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक इन दूध विक्रेताओं को न्याय नहीं मिल जाता, वह धरना से नहीं उठेंगे. पुलिस के अनुसार, पटना में अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के पांचवें दिन बुधवार को पटना जंक्शन के पास बने दूध बाजार को तोड़ दिया गया. इस दौरान दूध विक्रेताओं द्वारा विरोध किया गया और जमकर हंगामा किया गया.
भारी बारिश के बावजूद ढाई घंटे से घटनास्थल पर हूँ लेकिन कोई भी वरिष्ठ अधिकारी यहाँ मार्केट तोड़ने के आदेश की कॉपी लेकर नहीं आया है। सभी बड़े अधिकारियों ने फ़ोन बंद कर लिए है।परसों जन्माष्टमी है लेकिन आज ही भगवान श्रीकृष्ण मंदिर को तोड़ दिया। कायर सरकार छुप क्यों रही है? pic.twitter.com/tjgevbEWwj
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 21, 2019
अतिक्रमण ध्वस्त किए जाने के बाद मौके पर पहुंचे पटना के आयुक्त आनंद किशोर ने बताया कि अतिक्रमण मुक्त हुए दूध बाजार की जगह 'स्मार्ट पार्किंग जोन' बनेगा. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसे विकसित किया जाएगा.
इस बीच, बुधवार रात तेजस्वी दूध बाजार पहुंचे और अपने समर्थकों के साथ वहीं धरने पर बैठ गए. तेजस्वी ने कहा कि यहां 10 हजार दूध विक्रेताओं के रोजगार को छीन लिया गया. उन्होंने कहा कि इन दूध विक्रेताओं को सरकार सड़क पर ले आई. इस दौरान राधे-कृष्ण की मूर्ति तोड़े जाने का भी तेजस्वी यादव ने विरोध किया. रात लगभग 1.30 बजे तेजस्वी यादव और विरोधस्वरुप दुकानदार भाई और भक्तगण धरने पर भजन-कीर्तन करते हुए.
उन्होंने कहा कि इस सरकारी जमीन पर बिहार सरकार द्वारा दूध विक्रेताओं के लिए बाजार बनाए गए थे. उन्होंने आारोप लगाया कि बिहार सरकार केवल अमीरों की बात सुन रही है. उन्होंने कहा कि जब तक इन्हें न्याय नहीं मिलता, वह धरना से नहीं उठेंगे. उन्होंने दूध विक्रेताओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की.
तेजस्वी यादव देर रात से करीब 8 घंटे धरने पर बैठे रहे. सिविल एसडीओ के आश्वासन के बाद धरना खत्म..जिला प्रशासन ने दूध व्यवसायियों के लिए नए विकल्प का दिया भरोसा. घंटों बाद स्टेशन चौराहे से मजमा हटा.