बिहार: सरकार-शिक्षकों के बीच बढ़ा टकराव, शिक्षक दिवस पर रणक्षेत्र बनेगा पटना
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बिहार: सरकार-शिक्षकों के बीच बढ़ा टकराव, शिक्षक दिवस पर रणक्षेत्र बनेगा पटना

शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गयी चिट्ठी में बिहार के सभी शिक्षकों को 5 सितंबर के दिन हर हाल में अपने स्कूल में रहने की हिदायत दी गयी है. जो शिक्षक अपने स्कूल में नहीं पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई भी होगी. 

बिहार के सभी शिक्षकों को 5 सितंबर के दिन हर हाल में अपने स्कूल में रहने की हिदायत दी गयी है.

पटना: शिक्षा विभाग की एक चिट्ठी ने बिहार सरकार और शिक्षकों के बीच टकराव का बडा प्लेटफार्म तैयार कर दिया है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गयी चिट्ठी में बिहार के सभी शिक्षकों को 5 सितंबर के दिन हर हाल में अपने स्कूल में रहने की हिदायत दी गयी है. जो शिक्षक अपने स्कूल में नहीं पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई भी होगी. दरअसल शिक्षकों ने फैसला किया है कि वो शिक्षक दिवस के दिन पटना में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे. शिक्षकों के आंदोलन को रोकने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से चिट्ठी जारी की गयी है. लेकिन इस चिट्ठी के जारी होने के बाद शिक्षक संघ ने भी कह दिया है कि लाठी चले या गोली वो पटना आंदोलन के लिए जरुर पहुंचेगे.

समान काम समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट से भले ही शिक्षकों को झटका लग चुका है. लेकिन शिक्षक मसले पर पीछे हटने के लिए तैयार नहीं. सरकार की आंखें खोलने के लिए शिक्षकों ने पटना के गांधी मैदान में शिक्षक दिवस पर ही धरना प्रदर्शन का खाका तैयार किया है. लेकिन ठीक इससे पहले शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए एक विशेष दिशानिर्देश जारी कर दिया है. 

 

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन की ओर से जारी किये गये इस पत्र में साफतौर पर कहा गया है कि 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंति शिक्षक दिवस के रुप में मनायी जाती है. ऐसे में सभी शिक्षकों को ये निर्देश दिया जाता है कि वो शिक्षक दिवस के दिन अपने स्कूल में स्टूडेंट्स के बीच रहेंगे. अगर 5 सितंबर को शिक्षक अपने स्कूल में मौजूद नहीं रहें तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा और उचित कार्रवाई भी की जाएगी. इसके साथ ही विद्यालयों को ये भी निर्देश दिया गया है कि अगर उस दिन छुट्टी रहती है तो शिक्षकों को उस दिन की बजाय साल के अंत में किसी दिन छुट्टी दे दी जाएगी. शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार ने विभाग की ओर से जारी इस चिट्ठी को सामान्य प्रक्रिया बताया है.

विभाग भले ही जारी चिट्ठी को सामान्य बता रहा हो लेकिन इस चिट्ठी को लेकर शिक्षक संघ में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने शिक्षा विभाग की चिट्ठी पर आपत्ति जतायी है. ब्रजनंदन शर्मा ने कहा है कि हम शिक्षक दिवस के दिन शांतिपूर्वक काली पट्टी बांधकर पटना के गांधी मैदान में धरना देंगे. सरकार लाठी चलाए या गोली हमें फर्क नहीं पडता. सरकार भले ही समान काम समान वेतन न दे. लेकिन शिक्षकों के आगे नियोजित शब्द हटाकर सेवाशर्त को बेहतर बनाना ही पडेगा.

इधर शिक्षकों के आंदोलन को कांग्रेस ने समर्थन कर दिया है. कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने शिक्षा विभाग के फैसले को तुगलकी फरमान बताया है. प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा है कि शिक्षा विभाग का फैसला सरकार और शिक्षको के बीच टकराव को बढाएगा. शिक्षकों ने अपना कार्यक्रम पहले ही तय कर रखा है. ऐसे में उनपर कार्यक्रम छोडने के लिए दवाब बनाना सही नहीं.

ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या शिक्षक दिवस के दिन पटना की जमीन शिक्षक आंदोलन के रणक्षेत्र में तब्दील हो जाएगी. क्या सरकार के फैसले और शिक्षकों के निर्णय के बीच कोई रास्ता निकल पाएगा. अगर रास्ता नहीं निकला तो क्या बिहार की शिक्षा व्यवस्था एकबार फिर चौपट होने की राह पर है.