बेतिया के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक तृतीय खंड के जीएस की परीक्षा जिस तरह बेतिया के आरएलएसवाई कॉलेज में हुई, उससे एक बार फिर विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है.
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पटना: बिहार सरकार आए दिन शिक्षा व्यवस्था को लेकर नए-नए दावे करती है लेकिन एक बार फिर इसकी पोल खुल गई है. बेतिया के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक तृतीय खंड के जीएस की परीक्षा जिस तरह बेतिया के आरएलएसवाई कॉलेज में हुई, उससे एक बार फिर विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है.
शहर के आरएलएसवाई कॉलेज में भवन के अभाव में हुई परीक्षा मजाक बन कर रहा गया. परीक्षा की तस्वीरें देखकर शायद आपको भी लगे कि यह परीक्षा की नहीं बल्कि भोज की तस्वीर है. छात्रों को जहां मन हुआ बैठ गए और परीक्षा दी. भवन और सीट के अभाव में जीएस की परीक्षा में परीक्षार्थी बरामदे, जमीन एवं सीढ़ी घर के नीचे बैठकर परीक्षा दी.
परीक्षा की यह स्थिति थी सिर्फ आरएलएसवाई कॉलेज ही नही थी बलिक ऐसा नजारा एमजेके कॉलेज में भी देखने को मिला. यहां कई परीक्षार्थी ने प्रयोगशाला में खड़े-खड़े ही टेबल पर परीक्षा दिया. आरएलएसवाई कॉलेज केंद्राधीक्षक डॉ राजेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि अधिक परीक्षार्थियों के कारण केंद्र पर अव्यवस्था की स्थिति आ खड़ी हुई, जिससे परेशानी बढ़ गई है.
महाविद्यालय में परीक्षा भवन का घोर अभाव है. इसके लिए विश्वविद्यालय से लेकर सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. बावजूद आरएलएसवाई कॉलेज में अभी तक परीक्षा भवन नहीं बना है, जिससे यह समस्या बार-बार होती रही है.
कॉलेज के पास काफी जगह है लेकिन भवन की कमी है. आलम यह है कि परीक्षार्थियों के लिए दरी की व्यवस्था कराई गई है। परीक्षार्थियों की मानें कॉलेज में भवन के अभाव में परीक्षा देने में कठिनाई आ रही है। जमीन पर बैठ लिखने में भी दिक्कतें हो रही हैं। लिखावट नहीं बनने से उनका रिजल्ट भी प्रभावित होगा