बिहार: संवेदनशील मामले के गवाहों को मिलेगी विशेष सुरक्षा, राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला
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बिहार: संवेदनशील मामले के गवाहों को मिलेगी विशेष सुरक्षा, राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला

बिहार कैबिनेट ने गवाह सुरक्षा योजना को मंजूरी दे दी है.इसके तहत बिहार में गवाहों को विशेष सुरक्षा सुविधा मिलेगी. इसके तहत अतिसंवेदनशील मुकदमों में बने गवाहों को सुरक्षा मिलेगी.

राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अतिसंवेदनशील मुकदमों में बने गवाहों को सुरक्षा मिलेगी. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार कैबिनेट की में कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगी है. बिहार कैबिनेट ने गवाह सुरक्षा योजना को मंजूरी दे दी है. इसके तहत बिहार में गवाहों को विशेष सुरक्षा सुविधा मिलेगी. इसके तहत अतिसंवेदनशील मुकदमों में बने गवाहों को सुरक्षा मिलेगी.

अब गवाह के माता पिता, भाई बहन समेत अन्य परिजनों को भी पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. कैबिनेट सचिवालय अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इस तरह के प्रयास सरकार की कोशिश होगी कि गवाह पूरी तरह से सुरक्षित रहें ताकि निर्भय होकर वे गवाही कर सके.

उन्होंने कहा कि इसका फायदा यह होगा कि दोषी को सजा दिलाई जा सकेगा  हम बता दें कि सुप्रीमोकोर्ट ने 2018 में हीं सभी राज्यों गवाह सुरक्षा योजना लागू करने का आदेश दिया था.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार ने गवाह सुरक्षा योजना-2018 की मंजूरी दी है.

इसके अलावा कैबिनेट विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय को सेवा विस्तार दिया गया है. उन्हें अगले एक साल के लिये एक्सटेंशन मिला है. इसके साथ ही अररिया पॉलेटेक्निक कालेज का नाम फणीश्वर नाथ रेणु के नाम पर किया जाएगा, इसे भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गई. 

अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि पटना में एयरपोर्ट का एक्सटेंशन का काम चल रहा है.जिसको लेकर बिहार स्टेट हैंगर को अलग शिफ्ट किया जा रहा है.इसके लिए बिहार में नए स्टेट हैंगर,प्रशासनिक भवन,शैक्षणिक भवन,अप्रोच वे एप्रोन के लिए कुल  61.57 करोड़ रुपए स्वीकृत  किए गए है.वहीं नाबार्ड के तहत मधुबनी के धौंस नदी पर बराज और सिंचाई योजना की शुरुआत होगी. इस योजना पर कुल 47 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

साथ ही कैबिनेट मीटिंग में फैसला लेते हुए पूर्णिया के अमौर के मच्छरहट्टा चिकित्सा पदाधिकारी धनंजय कुमार सेवा से बर्खास्त किए गया है. कटिहार के बरारी रेफरल हास्पिटल चिकित्सा अधिकारी मोहम्मद रिजवान आलम को भी सेवा से डिसमिस किया गया है.

मोहम्मद रिजवान आलम काफी लंबे समय से सेवा ने अनुपस्थित थे. सुपौल में अनुमंडल न्यायालय के लिए 40 लाख 88 हजार रुपए स्वीकृत किए गए है. जबकि बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पटना के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह को मनोनीत किया गया है.