बिहार चुनाव के बाद से लगातार एलजेपी नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. जनवरी में एक साथ 27 नेताओं ने पार्टी छोड़ी दी थी. इससे पहले बुधवार को रामेश्वर चौरसिया (Rameshwar Chaurasiya) ने अचानक इस्तीफा दे दिया था.
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Patna: एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) की मुश्किलें अब थमने का नाम नहीं ले रही हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर लड़ी एलजेपी में अब कलह सामने आ रही है. पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता अब धीरे-धीरे चिराग पासवान का साथ छोड़ते जा रहे हैं. इस बीच, आज एलजेपी के पांच नेता जेडीयू का दामन थामने जा रहे हैं.
इसमें अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पारस नाथ गुप्ता, पूर्व महासचिव दीनानाथ कांति, पूर्व महासचिव रामनाथ रमण, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लेबरसेल के कौशल सिंह कुशवाहा और पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह का नाम शामिल है. ये सभी नेता आज दोपहर 2 बजे कर्पूरी सभागार में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP SIngh) और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) के सामने पार्टी का दामन थामेंगे.
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बता दें कि बिहार चुनाव के बाद से लगातार एलजेपी नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. जनवरी में एक साथ 27 नेताओं ने पार्टी छोड़ी दी थी. इससे पहले बुधवार को रामेश्वर चौरसिया (Rameshwar Chaurasiya) ने अचानक इस्तीफा दे दिया था.
नोखा से कई बार BJP विधायक रहे चौरसिया 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार के हाथों पराजित हो गए थे और उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) में इस सीट के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar)की पार्टी जेडीयू के हिस्से में चले जाने पर BJP छोड़ दी थी.
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2019 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) में नीतीश के नेतृत्व को अस्वीकार्य करने और प्रधानमंत्री Narendra Modi के प्रति आस्था व्यक्त करने वाले चिराग की पार्टी LJP ने NDA से अलग होकर अपने बलबूते चुनाव लड़ा था तथा चौरसिया का अपनी पार्टी में स्वागत किया था. लोजपा के तब तक नोखा से एक और उम्मीदवार तय कर लिए जाने पर उसने चौरसिया को सासाराम सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह इस सीट पर हुए चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे और अपनी जमा राशि भी नहीं बचा पाए थे.
Rameshwar Chaurasiya ने अपने हस्तलिखित पत्र में Chirag Paswan को विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के लिए धन्यवाद दिया, लेकिन लोजपा के लिए काम करना जारी रखने में असमर्थता व्यक्त की. इस पत्र का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
JNU के पूर्व छात्र चौरसिया ने अंग्रेजी में लिखे अपने पत्र में चिराग से कहा है, ‘इसलिए मैं आपसे इस पत्र को लोजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे के रूप में मानने का अनुरोध करता हूं .’ लोजपा प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘रामेश्वर चौरसिया लोजपा से कभी जुड़े नहीं. वह BJP के साथी रहे हैं.’