बिहार में मखाना उद्योग के विस्तार में आ रही हैं तीन बड़ी परेशानियां, व्यवसायी भी हैं परेशान
Advertisement

बिहार में मखाना उद्योग के विस्तार में आ रही हैं तीन बड़ी परेशानियां, व्यवसायी भी हैं परेशान

बिहार के मखाना को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की राज्य सरकार की योजना को बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, मखाना उद्योग को बिहार में तीन बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

मखाना उद्योग को बिहार में तीन बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार के मखाना को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की राज्य सरकार की योजना को बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, मखाना उद्योग को बिहार में तीन बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मखाना को दरअसल बिहार में सेनेटरी सर्टिफिकेट दिलाने की व्यवस्था नहीं है. 

कई राज्यों में ये सुविधा उपलब्ध है लेकिन बिहार में फिलहाल ये सुविधा नहीं है. इसके लिए मखाना उद्योग को मुंबई से सर्टिफिकेट दिलाने की व्यवस्था अभी नहीं है. साथ ही इसे लेकर कस्टम क्लीयरेंस की व्यवस्था नहीं है. 

साथ ही आपको बता दें कि स्टेट सर्टिफाइट लैबोरेटरी भी यहां उपलब्ध नहीं है. जब तक यह तीनों व्यवस्था बिहार में नहीं हो जाती है तब तक बिहार में मखाना उद्योग को पंख नहीं लग सकता है. इस वजह से राज्य के मखाना व्यवसायी भी परेशान हैं.

आपको बता दें कि बिहार सरकार राज्य में मखाना उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है. नीतीश कुमार ने बिहार में मखाना, शहद और शाही लीची की ब्रांडिंग पर जोर दिया है. उन्होंने कहा था कि प्रोसेसिंग व मखाना उत्पादों के लिए बजार को बढ़ावा दें. मखाना की ब्रांडिंग भी करें. मखाना का व्यापार बिहार से ही हो, इसकी योजना बनाएं. इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. 

उन्होंने साथ ही कहा कि मखाना के साथ शाही लीची, चिनिया केला, आम, मेंथा तेल, खस तेल व करतनी चावल के उत्पादन पर विशेष जोर दें. इसके लिए क्लस्टर तैयार करें. कृषि उत्पादों की पैकेजिंग व मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने का निर्देश भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिया था लेकिन सरकार को अब परेशानियों को पहले दूर करना होगा.