पेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार पर मोबाइल खरीदी में धांधली का आरोप लगाया है. कुशवाहा के आरोप के बाद बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है.
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पटनाः राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार पर मोबाइल खरीदी में धांधली का आरोप लगाया है. कुशवाहा के आरोप के बाद बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है. बीजेपी और जदयू ने कुशवाहा पर राजनीतिक हमला बोला है जबकि राजद ने बिहार सरकार पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की है.
बिहार सरकार में समाज कल्याण विभाग पर उपेंद्र कुशवाहा ने धांधली का आरोप लगाया है. जिसके बाद बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू-बीजेपी और राजद, आरएलएसपी आमने सामने हो गई है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि, उपेंद्र कुशवाहा राजनैतिक जमीन खो चुके हैं और ऐसा लगता है जिस तरह से राजद और कांग्रेस के नेता नेपथ्य में चले गए हैं. बिहार में विपक्ष दलों की कमान उपेंद्र कुशवाहा ने संभाल रखी है. हालांकि कुशवाहा के आरोपों में सच्चाई नहीं है.
दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड ने बिहार सरकार और समाज कल्याण विभाग का बचाव किया है. पार्टी प्रवक्ता डॉक्टर सुनील ने कहा है कि, जेम पोर्टल के माध्यम से मोबाइल की खरीददारी हुई है और किसी भी तरह की धांधली का सवाल नहीं है. कुशवाहा बिहार सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है.
दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और इसमें उन्होंने कहा था कि समाज कल्याण विभाग ने 33 हजार 914 स्मार्टफोन खरीदे और इसके लिए 31 करोड़ 4 लाख 14 हजार 42 रुपये का भुगतान किया गया. यानि एक मोबाइल पर 9 हजार 153 रूपये का भुगतान किया. जबकि बाजार में उस वक्त इस स्मार्टफोन की कीमत करीब 7 हजार रूपए हैं.कुशवाहा के मुताबिक, बाजार दर से 6 करोड़ 78 लाख 28 हजार रुपये का ज्यादा का भुगतान समाज कल्याण विभाग ने किया.
कुशवाहा ने यह भी कहा था कि जो मोबाइल खरीदे गए वो तुल्नात्मक रूप से कम फीचर्स और कम मेमोरी के चलते बाजार से डिमांड में नहीं थे.राष्ट्रीय जनता दल विधायक रामानुज ने उपेंद्र कुशवाहा के बयान का समर्थन किया है और कहा है कि इसकी जांच होनी चाहिए. देश में जो भी विश्वस्त जांच एजेंसी हो वो इस मामले की जांच करें.क्योंकि बिहार में समाज कल्याण विभाग वैसे भी मौजूदा सरकार में सवालों में रहा है.
कुशवाहा के आरोप में कितनी सच्चाई है ये तो वो ही बता सकते हैं लेकिन समाज कल्याण विभाग पर लगे ताजा आरोप पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है.