RLSP की नाराजगी का फायदा उठाने को तैयार तेजस्वी, बोले - उपेंद्र कुश्वाहा चाहें तो हमसे बात कर लें
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RLSP की नाराजगी का फायदा उठाने को तैयार तेजस्वी, बोले - उपेंद्र कुश्वाहा चाहें तो हमसे बात कर लें

तेजस्वी ने कहा कि उपेंद्र कुश्वाहा के लिए एनडीए में कोई जगह नहीं है.

एनडीए में मचे घमासान के बीच तेजस्वी ने अपना पांसा फेंक दिया है..

पटना: बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कल गुरुवार को बिहार में एनडीए के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. दिल्ली में अपनी व्यस्तता का हवाला देकर कुशवाहा बैठक से दूर रहे थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और राधा मोहन सिंह, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव तथा लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने बैठक में हिस्सा लिया था. हालांकि, शनिवार को केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में सफाई दी कि वह ‘निजी कारणों’ के चलते बैठक में नहीं पहुंच सके थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह गठबंधन ‘जस का तस’ है.

  1. बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए के घटक दलों में असंतोष
  2. उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था
  3. आरएलएसपी और एलजेपी को नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार नहीं

इसी बीच, तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की नाएनडीएी का फायदा उठाने की कोशिश की है. तेजस्वी ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "उपेंद्र कुश्वाहा के लिए एनडीए में कोई जगह नहीं है. यदि वह हमसे बात करना चाहें तो हमें कोई समस्या नहीं है." 

 

 

आरएलएसपी को नीतीश कुमार का नेतृत्व मंजूर नहीं
गुरुवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा था कि उन्हें नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार्य नहीं है. नागमणि का कहना था कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष कुशवाहा को गठबंधन के नेता के तौर पर पेश कर चुनाव लड़ा जाए तो एनडीए को बिहार में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जबरदस्त सफलता मिलेगी." 

नागमणि ने कहा था, "बीजेपी के बाद बिहार में एनडीए के घटक दलों में रालोसपा का समर्थन का आधार सबसे बड़ा है. राष्ट्रीय स्तर पर हमारी पार्टी जेडीयू से बड़ी है और 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा के समर्थन से एनडीए को लाभ हुआ था. तब जेडीयू अकेले चुनाव लड़ी थी."

 

 

नागमणि ने टिप्पणी करते हुए कहा था, "जेडीयू के कुछ नेता और बीजेपी में भी नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए का नेता माना गया है। इसे पूरे गठबंधन का दृष्टिकोण नहीं समझा जा सकता। बिहार के नेता का फैसला एनडीए के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा होगा ना कि राज्य स्तर पर." 

हालांकि, टकराव टालने के प्रयास के तहत नागमणि बाद में ज्ञान भवन परिसर में एनडीए की बैठक में आए थे.