उपेंद्र कुशवाहा ने की शिक्षा सुधार यात्रा की शुरुआत, राज्य सरकार पर साधा निशाना
आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शिक्षा सुधार यात्रा की शुरुआत की है.
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धीरज ठाकुर/पटनाः आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शिक्षा सुधार यात्रा की शुरुआत की है. कुशवाहा ने जगदेव प्रसाद की जन्मस्थली कुर्था से इस कार्यक्रम की शुरुआत की. माता सावित्री बाई फूले के जंयति पर श्रद्धा सुमन अर्तिप करते हुए आरएलएसपी ने शिक्षा में सुधार को लेकर हस्ताक्षर अभियान को भी शुरु किया. कुशवाहा ने कहा कि बिहार के नवनिर्माण के लिए शिक्षा में सुधार आवश्यक है. बिना शिक्षा के बिहार का विकास नहीं हो सकता है.
आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सुबे में शिक्षा की हालात खराब है, शिक्षा अच्छी नहीं रहेगी तो कैसे बिहार के दलित, पिछड़े,अल्पसंख्यक और गरीब सवर्ण बच्चे पढ़ेंगे.
उन्होंने ने कहा कि 2017 में बिहार सरकार के सामने 25 सूत्री मांग रखी थी लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया. जिस विद्यालय में टीचर की कमी है वहां शिक्षकों की बहाली हो, सरकार बहाली प्रक्रिया डिग्री लाओ औऱ नौकरी पाओ उसमें बदलाव करे. बहाली प्रक्रिया केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय की तरह होनी चाहिए उसके बाद ही अच्छे टीचर मिलेंगे और शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगी.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि शिक्षकों को दूसरे काम में न लगाएं जाए. शिक्षकों को मिड-डे मिल और स्कूल भवन बनवाने की जिम्मेदारी से मुक्त कराएं जाएं. आरएलएसपी प्रमुख ने कहा कि शिक्षा में सुधार का आंदोलन तब तक चलेगा जबतक शिक्षा में सुधार को लेकर सरकार जाग न जाए. आरएलएसपी इसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी और 1 करोड़ हस्ताक्षर के साथ 2 फरवरी को पटना में 'आक्रोश रैली' निकाला जाएगा उसके बाद एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा जाएगा. शिक्षा में सुधार कार्यक्रम के लिए जनता का सहयोग मांगा है
उपेन्द्र कुशवाहा जब NDA के साथ उस वक्त से बिहार सरकार के शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते रहे हैं. लेकिन अब महागठबंधन में शामिल होने के बाद वो सिर्फ शिक्षा के मुद्दे ही नहीं कई मुद्दों को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. अब 2 फरवरी को ही पता चल पाएगा कि शिक्षा में सुधार कार्यक्रम कितना सफल रहा और उपेन्द्र कुशवाहा की मांग को सरकार कितनी गंभीरता से लेती है. हां ये बात सही है बिहार में सरकारी स्कूलों की हालात ठीक नहीं है. स्कूलों में अच्छे टीचरों की कमी है और उसे पूरा करना सरकार का काम है.
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