झारखंड: जंगल के बीच रह रहा था जख्मी हाथी, ग्रामीणों ने खाने का किया इंतजाम
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झारखंड: जंगल के बीच रह रहा था जख्मी हाथी, ग्रामीणों ने खाने का किया इंतजाम

जानकारी के अनुसार, यह हाथी समूह से अलग होकर रिग्रिआम जंगल में रह गया. जख्म के जलन को कम करने के लिए, यह लगातार वन विभाग द्वारा जंगल के बीच में बनाए गए चेकडैम में ही रहा.

रांची जिले से सटे जंगल रिग्रिआम में गंभीर रूप से, घायल एक हाथी का इलाज करने का प्रयास किया गया.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

सौरभ शुक्ला/रांची: केरल में एक हथिनी को अनानास के साथ विस्फोटक खिला देने की घटना, झारखंड के लिए भी चेतावनी है कि, मानव के साथ, टकराव की संभावनाओं को कमतर किया जाए, ताकि परिस्थिति संतुलन बरकरार रहे. झारखंड के परिप्रेक्ष्य में यह इसलिए आवश्यक है कि, यहां लगातार आबादी के साथ इनका टकराव बढ़ रहा है. लेकिन झारखंड के ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोग पशु प्रेमी है.

हालात जो भी हो, लेकिन केरल जैसी घटना आज तक झारखंड में नही हुई है. दरअसल, रांची जिले से सटे जंगल रिग्रिआम में गंभीर रूप से, घायल एक हाथी का इलाज करने का प्रयास किया गया. रिग्रिआम जंगल महिलोंग रेंज के लोटा के पास है. हाथी के आगे के बाएं पैर में गहरा जख्म हो गया था. उसे चलने में काफी कठिनाई हो रही थी. हाथी लगातार दर्द से कराह रहा है.

जानकारी के अनुसार, यह हाथी समूह से अलग होकर रिग्रिआम जंगल में रह गया. जख्म के जलन को कम करने के लिए, यह लगातार वन विभाग द्वारा जंगल के बीच में बनाए गए चेकडैम में ही रहा. ग्रामीणों ने हाथी के खाने के लिए पत्ते का इंतजाम किया.

वहीं, सूचना पाकर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची थी. लेकिन तब तक हाथी घने जंगलों के बीच चला गया. बता दें कि, झारखंड में जंगली हाथियों पर क्रूरता के केरल सरीखे मामले तो नहीं हैं, लेकिन इन्हें खेतों से भगाने के लिए विस्फोटक समेत आग आदि का सहारा लिया जाता है.