बिहार सरकार भी मानती है कि जल का संकट गहरा रहा है और इसके लिए ईमानदार और गंभीर कदम उठाए जाने की जरूरत है.बिहार सरकार ने कहा है कि, बिहार में सुखाड़ से सबसे प्रभावित चार जिलों में गंगा का पानी पहुंचाया जाएगा.
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पटना: देश का आधा हिस्सा पानी से परेशान है तो आधा हिस्सा पानी के लिए परेशान है. अगर जल प्रबंधन को लेकर गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो देश के 21 महत्वपूर्ण शहर 2020 तक पानी की एक एक बूंद के लिए तरसेगा. पटना के अनुग्रह नारायण कॉलेज में जल प्रबंधन पर आयोजित एक सेमीनार में देश के जाने जाने लोग शामिल हुए और बिहार सरकार के मंत्री भी.
बिहार सरकार भी मानती है कि जल का संकट गहरा रहा है और इसके लिए ईमानदार और गंभीर कदम उठाए जाने की जरूरत है.बिहार सरकार ने कहा है कि, बिहार में सुखाड़ से सबसे प्रभावित चार जिलों में गंगा का पानी पहुंचाया जाएगा. जल प्रबंधन पर दुनिया भर सात देशों में काम कर चुकी और स्वीडन की स्टॉकहोम स्थित सोडेरटॉर्न यूनिवर्सिटी से जुड़ी डॉक्टर नंदिता सिंह ने कहा कि दुनिया भर की आबादी में भारत का हिस्सा 16 फीसदी है लेकिन यहां पूरे विश्व का सिर्फ 4 फीसदी ही पानी है. लिहाजा भारत के नीति नियंताओं को ये सोचना होगा कि पानी का खर्च कैसे हो.
डॉक्टर नंदिता सिंह ने कहा कि 1951 से लेकर साल 2019 के बीच हर भारतीयों के बीच जो पानी की उपलब्धता थी उसमें 70 फीसदी की कमी आई है.भारत के 21 महत्वपूर्ण शहर अगले साल यानि साल 2020 तक पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष करेंगे और करीब 10 करोड़ लोग जलसंकट से प्रभावित होंगे. डॉक्टर नंदिता सिंह ने कहा कि, ये सही है कि भारत में 24 बड़ी नदियां और 140 बड़ी झील हैं बावजूद स्वच्छ पानी के लिए भारत की आबादी तरस रही है. और इसी का नतीजा है कि भारत में 4 लाख से ज्यादा लोग हर साल डायरिया से मरते हैं.
डॉक्टर नंदिता सिंह ने कहा कि, भारत में 3 करोड़ 90 लाख लोग आर्सेनिक की जद में हैं. .बिहार भी इससे अछूता नहीं है यहां 17 जिलों के लोग स्वच्छ पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.डॉक्टर नंदिता सिंह के मुताबिक, नेचर बेस्ड सॉल्यूशन यानि प्राकृतिक तरीके से पानी का प्रबंधन करना आज की अनिवार्यता है.कार्यक्रम में जल संसाधन प्रबंधन संजय कुमार झा भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि, ये दुर्भाग्य है कि बिहार के कुछ जिलों में आज पानी ही पानी है जबकि गया,नालंदा,नवादा और जहानाबाद में पानी की कमी है.
संजय झा ने कहा कि, पटना से बिहार के चार जिलों नालंदा,नवादा और गया में गंगा का पानी पहुंचाया जाएगा. जल्द ही इसके अध्ययन के लिए बिहार से एक टीम तेलंगाना का दौरा करेगी. संजय झा के मुताबिक,फरक्का संधि से बिहार को नुकसान हुआ है और ये नुकसान इतना गहरा है कि भागलपुर से पटना के बीच बाढ़ की आशंका बढ़ती जा रही है.बांग्लादेश और भारत के बीच हुई संधि का खामियाजा बिहार को भुगतना पड़ रहा है.
संजय झा ने उदाहरण देते हुए कहा कि, बिहार और मध्यप्रदेश सरकार के बीच बाणसागर नाम से एक समझौता है जिसके मुताबिक, बिहार 15 अगस्त के बाद बाणसागर से पानी लेता है लेकिन अब संधि में संशोधन की जरूरत है क्योंकि अब यहां तो जुलाई में ही पानी की जरूरत पड़ने लगी है.संजय झा के मुताबिक, जल्द ही जल ,जीवन और हरियाली अभियान शुरू होगा और साल 2021 तक सरकारी कुआं और तालाब को रिस्टोर किया जाएगा.