Aparajita Plant: अपराजिता के पौधे को क्यों कहा जाता है क्लिटोरिया टर्नेटिया, आखिर ये वस्तु के लिहाज क्यों होता है महत्वपूर्ण?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 04, 2023

पौराणिक कथाओं में जिक्र

पौराणिक कथाओं में इसका जिक्र किया गया है, कि ये देवाओं का पसंदीदा फूल है.

विष्णु को अति प्रिय

इस पौधे के फूल को भगवान शनिदेव, भगवान शंकर और विष्णु को अति प्रिय है.

वस्तु शास्त्र के अनुसार

वस्तु शास्त्र के अनुसार, अपराजिता के पौधे को घर में लगाने से धन धौलत की कमी नहीं होने पाती है.

पौधे का बहुत महत्व

भारत में वस्तु के लिहाज से इसे पौधे का बहुत महत्व है.

क्षेत्र शामिल

जिनमें समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय अमेरिका, उप-सहारा अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप, भारतीय उपमहाद्वीप, इंडोचीन, दक्षिणी चीन और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी क्षेत्र शामिल हैं.

समशीतोष्ण क्षेत्रों के मूल निवासी

ये पौधे दुनिया के उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों के मूल निवासी हैं

कई स्थानीय नाम

विभिन्न भाषाओं में इन फूलों के कई स्थानीय नाम है जैसे भारत में इसे अपराजिता का पौधा कहा जाता है.

फ्लोस क्लिटोरिडिस टर्नाटेन्सिबस

जिन्होंने इसे फ्लोस क्लिटोरिडिस टर्नाटेन्सिबस के रूप में बताया गया था, जिसका अर्थ है 'क्लिटोरिस का टर्नेटियन फूल'

प्रजाति का नाम

इस प्रजाति का नाम मानव भगशेफ के नाम पर रखा गया था, क्योंकि फूल योनी से मिलते जुलते हैं.

क्लिटोरिया

क्लिटोरिया मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय कीट-परागित फूल वाली मटर की लताओं की एक प्रजाति है.

नोट: ये सारी जानकारियां ज्योतिष और धर्म के पर आधारित है. इसे आप अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं. Zee News का इससे कोई देना देना नहीं हैं.

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