गृह प्रवेश की परंपरा

ससुराल में गृह प्रवेश के दौरान पैर से चावल भरे कलश क्यों गिराती है दुल्हन?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 09, 2023

दुल्हन का गृह प्रवेश

अमूमन आपने फिल्मों या अपने घर-परिवारों में शादी के बाद दुल्हन का ससुराल में गृह प्रवेश देखा होगा.

कलश गिराने की परंपरा

आपने यह भी देखा होगा कि दुल्हन पहली बार घर के अंदर जाने से पहले चावल से भरा कलश पैर से गिराती हैं.

घर की लक्ष्मी

दरअसल, सनातन धर्म में बहू को घर की लक्ष्मी माना जाता है और लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए यह रस्म निभाई जाती है.

गृह प्रवेश

इसलिए पहली बार दुल्हन जब आती है तो उसके गृह प्रवेश के समय कलश से चावल पैर से गिराने की यह रस्म निभाई जाती है.

चावल का महत्व

चावल का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है. हर पूजा-पाठ में चावल यानी अच्छत का प्रयोग किया जाता है.

महत्व

सनातन धर्म में चावल को स्थिरता का प्रतीक और दुल्हन को लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है. घर में समृद्धि स्थायी रहे, इसलिए यह रस्म निभाई जाती है.

कलश गिराना

सनातन काल से चले आ रहे इस रस्म में चावल से एक कलश को भर दिया जाता है. उसके बाद सीधे पैर से दुल्हन उस कलश को गिराती है.

लोक मान्यता

चावल जब अंदर की ओर घर में बिखर जाता है तो माना जाता है कि घर में सुख-समृद्धि भी घर के चारों तरफ फैल गई है.

नई दुल्हन

इस रस्म के बाद ही नई दुल्हन घर की दहलिज लांघकर अंदर प्रवेश करती है.

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