Cremation History: धरती पर कब से चली आ रही दाह संस्कार की प्रथा? जानें यहां

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Nov 28, 2024

अग्निदाह

दाह संस्कार जिसे अग्निदाह भी कहा जाता है, यह एक हजारों साल पुरानी प्रथा है, जिसे व्यक्ति के मृत्यु के बाद उसके शरीर को परंपरागत रूप से जलाकर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है.

यूरोप-उत्तरी अमेरिका

इस प्रथा को हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन और कुछ अन्य धार्मिक समुदायों में परंपरागत रूप से व्यक्ति के मृत्यु के बाद किया जाता है. यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी ईसाई मान्यता वाले लोग दाह संस्कार करते हैं.

दाह संस्कार

चलिए हम आपको बताते हैं कि धरती पर कब से दाह संस्कार की प्रथा चली आ रही है.

कब्रिस्तान एच संस्कृति

भारत में दाह संस्कार का सबसे पहला प्रमाण कब्रिस्तान एच संस्कृति में मिला है. यह संस्कृति सिंधु घाटी सभ्यता के अंतिम चरण और वैदिक सभ्यता की शुरुआत मानी जाती है.

पुरानी प्रथा

दाह संस्कार की प्रथा 10,000 साल से भी ज्यादा पुरानी हो सकती है.

शवदाह

यूनानियों ने शवदाह की प्रथा पश्चिमी दुनिया में 3,000 साल से भी पहले लाई थी.

प्राचीन ग्रीस-प्राचीन रोम

पहले के समय में प्राचीन ग्रीस और प्राचीन रोम दोनों में दाह संस्कार करने की प्रथा आम थी.

शव-संस्कार प्रथा

ब्रिटेन में कांस्य युग के कब्रिस्तानों में पाए गए पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि दाह संस्कार एक प्रचलित शव-संस्कार प्रथा थी. जो हजारों वर्षों से चली आ रही है.

दाह संस्कार का अंत

यूरोप में ईसाई धर्म के उदय के साथ ही दाह संस्कार का अंत हो गया था.

इटली

आज हम जिस तरह से दाह संस्कार को जानते हैं, उसकी शुरुआत 100 साल पहले ही हुई थी. इसे सबसे पहले 1870 के दशक में इटली में विकसित किया गया था.

जमीन में गाड़ना

वाइकिंग काल में मृतक को जहाज में रखकर या तो जमीन में गाड़ दिया जाता था या चिता पर जला दिया जाता था.

निएंडरथल मानव

शोधकर्ताओं ने 60,000 ईसा पूर्व के निएंडरथल मानव के दफन स्थल पाए हैं. जिनके शरीर पर जानवरों के सींग और शव के पास फूलों के टुकड़े मिले हैं.

नीदरलैंड

नीदरलैंड में पहला दाह संस्कार 1914 में किया गया था.

जापान

जापान में दाह संस्कार की प्रथा को निभाने का दर दुनिया में सबसे ज्यादा है.

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