Jharkhand Folk dance: झारखंड में आदिवासी द्वारा मनाएं जाने वाले लोक नृत्य
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 01, 2024
डमकच नृत्य
यह नृत्य खासतौर पर शादी-विवाह के मौके पर किया जाता है. जब एक लड़का और लड़की की शादी तय हो जाती है, तो शादी के दिन तक डमकच नृत्य किया जाता है.
जनानी झूमर नृत्य
जनानी झूमर नृत्य मुख्य रूप से करम पर्व के दौरान किया जाता है. इस नृत्य में युवतियां और महिलाएं करम की डाली लाते समय और करम स्थल पर अपनी आस्था प्रकट करती हैं.
पाइका नृत्य
यह एक वादन शैली का नृत्य है, जिसमें नगाड़ा, मांदर, ढाक, शहनाई, और भेर जैसे वाद्य यंत्रों की आवाज के साथ नृत्य किया जाता है. पहले इसे युद्ध की तैयारी और युद्ध विद्या सिखाने के क्रम में किया जाता था. इसमें नर्तक ढाल और सिर पर मोर या मुर्गी के पंख लगाकर नृत्य करते हैं.
खोरठा नृत्य
खोरठा नृत्य सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देता है. यह बोकारो, धनबाद, चतरा, रामगढ़, और हजारीबाग क्षेत्रों के खोरठा समाज में प्रचलित है. यह नृत्य प्रकृति और पर्व के उत्साह में सामूहिक रूप से किया जाता है.
नागपुरी नृत्य
नागपुरी नृत्य शैली दक्षिणी छोटानागपुर की विभिन्न नृत्य शैलियों का मिश्रण है. इसमें मर्दानी झूमर, डमकच, जननी झूमर, अंगनयी, पाइका, चावर पाइका, और फगुआ जैसी नृत्य शैलियाँ शामिल हैं.
खड़िया नृत्य
यह नृत्य हड़प्पा सभ्यता के समय से चला आ रहा है और इसे खड़िया जनजाति के लोग अखरा (समुदाय का स्थान) में करते हैं.
मानभूम छऊ नृत्य
मानभूम छऊ नृत्य में कलाकार मुखौटे पहनकर प्रदर्शन करते हैं और इसमें रामायण, महाभारत जैसी शास्त्रों की कहानियाँ दिखाई जाती हैं. यह नृत्य शैली देश के बड़े आयोजनों जैसे आईपीएल और खेलो इंडिया में भी प्रस्तुति दे चुकी है.
मर्दानी झूमर नृत्य
यह नृत्य दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र में नागवंशी राज के काल से चला आ रहा है. इस नृत्य को मुख्य रूप से युद्ध जीतने के बाद राजा के स्वागत के लिए किया जाता था। नर्तक वीर रस के गीत गाते हुए तलवार या शृंगार मुद्रा में हाथों में रुमाल लेकर राजा की जीत का जश्न मनाते थे.