घर में नहीं गूंज रही किलकारी, तो IVF है आपके समस्या का समाधान

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 25, 2024

दांपत्य जोड़े

बहुत से दांपत्य जोड़े के साथ ऐसा होता हैं कि वो शादी के बाद लंबे समय तक संतान सुख की प्राप्ति से वंचित रहते हैं.

समस्या

बहुत डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद भी स्त्री कंसीव नहीं कर पाती है. अगर आपके साथ भी यही समस्या हैं, तो IVF आपके समस्या का समाधान हैं.

समाधान

आज के समय में हर क्षेत्र में तकनीकी आ गई है. जिससे लोगों को हर तरह की समस्या का समाधान मिल जाता है.

IVF

इसी में से एक है IVF. IVF इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है. इसे टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जाना जाता है.

संतान सुख की प्राप्ति

IVF तकनीक के माध्यम से महिला गर्भवती होने के साथ संतान सुख की प्राप्ति पाती है. चलिए हम आपके IVF के बारे में विस्तार से बताते हैं.

गर्भधारण

IVF तकनीक के माध्यम से 60-70% महिला पहले ही बार में गर्भधारण कर लेती हैं.

पहला प्रयोग

IVF तकनीक का सबसे पहला प्रयोग साल 1978 में ब्रिटिश वैज्ञानिक रॉबर्ट एडवर्ड्स के द्वारा इंग्लैंड में किया गया था. जिससे दुनिया की सबसे पहली टेस्ट ट्यूब बेबी लुईस जॉय ब्राउन का जन्म हुआ था.

भ्रूण

बता दें, इस तकनीक के माध्यम से डॉक्टर महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणुओं का फर्टिलाइजेशन कराते हैं. जिससे भ्रूण बनता है. फिर भ्रूण को महिला के गर्भ में रख दिया जाता है.

गर्भाशय की जांच

इस प्रक्रिया को करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले महिला के गर्भाशय की अंदरूनी परत की जांच करते है. फिर सोनो-हिस्टेरोग्राफी नामक परीक्षण से महिला के अंडाशय से अंडा को निकाला जाता है.

फर्टिलाइजेशन

फिर पुरुष के शुक्राणु को लैब में स्पर्म फ्लूइड से अलग किया जाता है. इसके बाद महिला के अंडे और पुरुष के स्पर्म को एक विशेष कंटेनर में रखकर फर्टिलाइजेशन कराया जाता है. जिसे भ्रूण करते है.

IVF प्रक्रिया

डॉक्टर इसी भ्रूण को महिला के गर्भाशय में रखते है. जिसे शुरुआत के 8 से 10 सप्ताह डॉक्टर अपने निर्क्षण में देखते हुए ये प्रक्रिया कराते है.

जटिल प्रक्रिया

IVF एक जटिल प्रक्रिया है जिसे करने में डॉक्टर को 6 से 8 सप्ताह का समय लगता है. बहुत लोगों को इस तकनीक के माध्यम से संतान सुख मिला है.

सफलता दर

आए दिन IVF तकनीक में नए आविष्कार हो रहे हैं, जिससे इसकी सफलता दर बढ़ती जा रही है.

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