जन्माष्टमी पर 30 साल बाद बन रहा जयंती योग, जाने कितना शुभ है यह मुहुर्त

K Raj Mishra
Sep 04, 2023

भाद्रपद अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 7 सितंबर को शाम में 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगी.

रोहिणी नक्षत्र भी 6 सितंबर को सुबह 9.20 बजे से 7 सितंबर की सुबह 10.25 बजे तक है.

6 सितंबर की रात को रोहिणी नक्षत्र मिलने के कारण जन्माष्टमी 6 सितंबर को ही मनाई जाएगी.

गृहस्थ लोग जन्माष्टमी का व्रत 6 तारीख को रखेंगे, जबकि वैष्णव और बल्लभ पंथ मानने वालों की जन्माष्टमी 7 सितंबर को है.

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बुधवार को हुआ था और इस बार जन्माष्टमी भी बुधवार को पड़ रही है. लिहाजा, इस वर्ष जन्माष्टमी काफी शुभ फलदायी होने वाली है.

यही नहीं 30 वर्षों बाद जन्माष्टमी पर 'जयंती' नामक योग बन रहा है. मध्य रात्रि में ही रोहिणी नक्षत्र का अनुक्रम रहने से सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है.

यह योग पूजन में विशेष फल देने वाला है. इस दौरान सर्वार्थसिद्धि योग में विशिष्ट पूजन साधना की जा सकती है.

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