Jitiya Vrat 2023: जितिया व्रत में महिलाएं क्यों निकालती हैं कुत्ते, गाय और कौए के लिए अलग पत्ता?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 05, 2023

Jivitputrika 2023

जीवित्पुत्रिका व्रत हर वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.

Pitru Paksha 2023

जितिया व्रत हर साल पितृ पक्ष में पड़ता है, जिसके जरिए महिलाएं अपने पितरों को याद करती हैं.

Pitro ka Tarpan

व्रती माताएं बेटों के लिए पूजा पाठ के विधान के साथ पितरों के तर्पण की प्रक्रिया भी करती हैं.

Pitro ka Shradh

दरअसल, इस व्रत में महिलाएं अपनी दिवंगत सास, सास की सास और इसी तरह अन्य पूर्वजों के लिए तर्पण करती हैं.

Women Perform Shradh

साथ ही श्राद्ध में किए जाने वाले अन्य कामों को भी करती हैं, जिसमें से एक कुत्ते, गाय और कौए के लिए अलग पत्ता निकालना भी है.

गाय (Cow)

पश्चिम दिशा की ओर पत्ते पर गाय के लिए भोजन का एक हिस्सा निकाला जाता है.

Dharmik Manyata

गाय में ही सभी देवता निवास करते हैं, इसलिए गाय को भोजन देने से सभी देवता तृप्त होते हैं.

कुत्ता (Dog)

श्राद्ध का एक अंश कुत्ते को खिलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं, इसलिए महिलाएं कुत्ते के लिए भी एक पत्ता निकालती हैं.

कौआ (Crow)

कौओं को पितरों का स्वरूप माना जाता है. ऐसे में पितरों को प्रसन्न करने के लिए घर की छत पर श्राद्ध के भोजन का एक हिस्सा कौए के लिए भी रखा जाता है.

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