Kalawa Rules: हाथ में कलावा बांधते और खोलते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, मां लक्ष्मी हो जायगी नाराज

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 27, 2023

पूजा पाठ

हिंदू धर्म में पूजा पाठ और मांगलिक एवं शुभ कार्यों के समय कलावा बांधने का नियम है.

मौली या रक्षा

हिंदू धर्म में कलावा बांधने महत्व है. इसे मौली या रक्षा भी कह सकते हैं.

हिंदू धर्म

हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ, मांगलिक एवं शुभ कार्यों को करते समय कलावा बांधने का नियम है.

पुरोहित

घर के जो भी पुरोहित होते है वे यजमान के हाथ में कलावा बांधता है और सिर पर, कुमकुम या हल्दी चावल का चंदन लगता है.

संबंध

माना जाता है कि कलावा बांधने से भक्तों का भगवान के साथ संबंध और मजबूत हो जाता है.

पुण्य फल

जो लोग कलावा बांधते है उन्हें कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है और उनके घर में कभी धन-दौलत की कमी नही होती है.

गलतियों

हम लोग को कलावा बांधते और इसे खोलते समय इन गलतियों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए, माना जाता है कि घर परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

बाएं हाथ

कलावा पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में औऱ शादीशुदा महिलाएं को बाएं हाथ में बांधा ना चाहिए

हाथ अपने सिर पर पिछे

कलावा बंधवाते समय जिस हाथ में कलावा बांधा जा रहा है उस टाइम मुट्ठी बंधी होनी चाहिए और दूसरा हाथ अपने सिर पर पिछे रखना चाहिए.

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