खिचड़ी में फैट्स और कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, जो आसानी से डाइजेस्ट हो जाती है. खिचड़ी लंबे समय तक पेट को भरा रखती है और खाने की क्रेविंग को कम करने में सहायक है.
खिचड़ी आयुर्वेदिक आहार है. यह खाने में स्वाद देने के साथ बॉडी को डिटॉक्स करती है. इसे खाने से शरीर में ऊर्जा का संचार बेहतर ढंग से होता है.
खिचड़ी बनाने में जीरा इस्तेमाल किया जाता है जो खाने को जल्दी पचाने में मदद करता है. इसमें मिनरल्स, फाइबर, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन, कैल्शियम आदि पोषक तत्व पाए जाते है. जिससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है.
दाल में पाए जाने वाले विभिन्न पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं. इससे दिल संबंधी रोगों के होने का खतरा कम होता है. यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है.
खिचड़ी दाल और चावल के मिश्रण से बनाई जाती है. दाल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन सही मात्रा में होते हैं. इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है.
आने वाले 15 जनवरी को देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. इसे पूर्वांचल में खिचड़ी भी कहते हैं. संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का विशेष महत्व है.