Mahabharata Facts: भीष्म पितामह के माता का नाम था गंगा, तो फिर कौन थे पिता? जानें 10 रोचक तथ्य
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Oct 02, 2023
मलेच्छ
महाभारत अनुसार, मलेच्छों से द्वेष होने की वजह सरस्वती नदी ने मलेच्छ (सिंध के पास के) प्रदेशों में जाना बंद कर दिया था.
विनाश्न नामक तीर्थ
महाभारत में सरस्वती नदी के विनाश्न नामक तीर्थ पर सूखने का सन्दर्भ आता है.
सरस्वती नदी
उनकी सभ्यता में सरस्वती नदी ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं थी.
ऋग्वेद
ऋग्वेद में वर्णित प्राचीन वैदिक काल में सरस्वती नदी को नदीतमा की उपाधि दी गई थी.
तीर्थयात्रा का वर्णन
बलराम की तरफ से इसके तट के समान्तर प्लक्ष पेड़ (प्लक्षप्रस्त्रवण, यमुनोत्री के पास) से प्रभास क्षेत्र (वर्तमान कच्छ का रण) तक तीर्थयात्रा का वर्णन भी महाभारत में आता है.
सरस्वती नदी
प्राचीन वैदिक सरस्वती नदी का महाभारत में कई बार वर्णन आता हैं.
पिता की मृत्यु का बदला
इन्होंने ने ही अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए सर्पयज्ञ करवाया था.
राजा जनमेजय
राजा जनमेजय अभिमन्यु के पौत्र और परीक्षित के पुत्र थे.
महाभारत ग्रंथ का वाचन
महाभारत ग्रंथ का वाचन सबसे पहले महर्षि वेदव्यास के शिष्य वैशम्पायन ने राजा जनमेजय की सभा में किया था.
भीष्म पितामह के पिता का नाम
भीष्म पितामह के पिता का नाम शांतनु था, उनके पिता का पहला विवाह गंगा से हुआ था.