कुंडली को देखकर नहीं लगता कि पीएम मोदी को 2024 के लिए ज्यादा मेहनत और परिश्रम करने की जरूरत है.
आचार्य मदनमोहन कहते हैं, लग्न में विद्यमान मंगल और चंद्रमा के अलावा दशम भाव में मौजूद शुक्र और शनि पूर्ण रूप से राजयोग दर्शाते हैं.
इस तरह 2024 का चुनाव परिणाम पीएम मोदी के हित में होगा. मोदी एक बार पुनः भारत की राजनीति में जीत के साथ महती भूमिका निभाएंगे.
आचार्य मदनमोहन यह भी बताते हैं, लग्नेश त्रिकोणेश के साथ हो तो यह ग्रह योग जातक को प्रसिद्धि, दीर्घायु और साम्राज्य दिलाता है.
मोदी की कुंडली में लग्नेश मंगल नवमांश चंद्रमा के साथ बैठे हैं, तो जैसे ही उनकी चंद्रमा की दशा प्रारंभ होगी तो उन्हें बहुत अच्छा लाभ प्राप्त होगा.
2001 से 2014 तक साल 1984 से प्रारंभ हुई शुक्र की दशा में मोदी बीजेपी के संगठन से जुड़ गए.
जन्म कुंडली में बहुत महत्वपूर्ण योग लग्नेश मंगल नवीन चंद्रमा के साथ बैठे हैं, तो जैसे ही उनकी चंद्रमा की दशा प्रारंभ हुई वह सूर्य की तरह उदित हो गए.
साल 1984 से प्रारंभ हुई शुक्र की दशा में मोदी बीजेपी के संगठन से जुड़ गए इस तरह का बहुत ही महत्वपूर्ण योग उनके जन्म कुंडली में प्रारंभ हुआ.
वर्तमान में इस शुक्र की दशा में 7 अक्टूबर 2001 में गुजरात के 14 मुख्यमंत्री बने उसे समय बुद्ध की अंतर्दशा थी.
बुद्ध दशमेश सूर्य के साथ अपने उच्च राशि में उपलब्धि के एकादश भाव में बैठे हैं इसी बुद्ध की अंतर्दशा में वे दोबारा साल 2002 में मुख्यमंत्री बने.
2014 से 2020 तक चंद्रमा मोदी की कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है, जो लग्न में ही विद्यमान है.
मोदी की कुंडली में चंद्रमा विशेष योग में सम्मिलित है जिसने उन्हें चौथी बार गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया और दो बार प्रधानमंत्री बनाया.
10 मानसिक कुंडली में विपरीत राजयोग भी बन रहे हैं, तो यह मंगल मोदी को पुनः प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर बिठाने के लिए अति उत्सुक है.
अंतर्दशा शनि महाराज हालांकि थोड़ा फेंच फंसा रहे हैं. इसलिए विरोधी एकजुट हो रहे हैं, क्योंकि यह लग्नेश और महादशा नाथ मंगल के शत्रु होकर दशम भाव में शत्रु राशि में बैठे हैं.
हो सकता है मोदी शायद 2014 और 2019 जैसा करिश्मा नहीं दिखा पाएंगे, लेकिन मोदी की जीत निश्चित है. प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मोदी जी ही बैठेंगे.