सोम प्रदोष व्रत

सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 28 अगस्त, सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा.

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 23, 2023

सावन का आखिरी सोमवार

इस बार का प्रदोष व्रत बेहद खास होने वाला है, क्योंकि इसी दिन सावन का आखिरी सोमवार भी पड़ रहा है.

शुभ संयोग

सावन सोमवार और प्रदोष व्रत का खास संयोग एक साथ बनने की वजह से इस दिन शिव पूजा का दोगुना लाभ प्राप्त होगा.

महादेव की पूजा-आराधना

मान्यता है कि इस दिन व्रत और महादेव की पूजा-आराधना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

पूजा के लिए शुभ समय

प्रदोष व्रत की पूजा के लिए सूर्यास्त के बाद का समय शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दौरान की गयी सभी प्रार्थनाएं पूरी होती हैं.

शिव पूजा

इस दिन सूर्यास्त से एक घंटे पहले स्नान आदि करके पूजा की तैयारी कर लें.

पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत के दिन पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त शाम 06.48 बजे से रात 09.02 बजे तक का है. ऐसे में इस दौरान ही पूजा आरंभ करें.

शिवलिंग का अभिषेक

इसके बाद गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें.

बेलपत्र अर्पित करें

फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें.

शिव जी की आरती

पूजा के अंत में मंत्रों के उच्चारण करने के साथ शिव जी की आरती करें.

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