नवजात बच्चों को छठी से पहले नया कपड़ा क्यों नहीं पहनाते?
PUSHPENDER KUMAR
Nov 24, 2024
धार्मिक मान्यता
आचार्य मदन मोहन के अनुसार नवजात शिशु का आध्यात्मिक संस्कार छठी के दिन होता है. इससे पहले नए कपड़े पहनाने को शुभ नहीं माना जाता.
संवेदनशील त्वचा का ध्यान
शिशु की त्वचा बहुत कोमल होती है. नए कपड़ों में मौजूद रंग या रसायन से एलर्जी हो सकती है.
संक्रमण से बचाव
पुराने कपड़े साफ और बार-बार धोए गए होते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है.
छठी का महत्व
छठी के दिन शिशु का भाग्य और स्वास्थ्य देवताओं से जोड़ा जाता है. यह दिन विशेष पूजा और परंपराओं का दिन होता है.
परिवार की आस्था
यह परंपरा परिवार की धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी होती है, जिससे माता-पिता शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित मानते हैं.
परंपरा और रीति-रिवाज
भारतीय संस्कृति में शिशु के जन्म के बाद विशेष रस्में निभाई जाती हैं, जिनमें छठी का बड़ा महत्व होता है.
मनोवैज्ञानिक शांति
परिवार इस परंपरा को मानकर मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करता है कि वह बच्चे के लिए शुभ कर रहे हैं.
सामाजिक जुड़ाव
यह परंपरा परिवार और समाज के रिश्तों को मजबूत करती है, क्योंकि छठी एक सामूहिक आयोजन होता है.
विज्ञान और परंपरा का संगम
आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि शुरुआती दिनों में शिशु के लिए नरम और साफ कपड़े सबसे उपयुक्त होते हैं.
शुभता का प्रतीक
छठी के दिन नए कपड़े पहनाना शुभता और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है.
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