Dhanteras 2023: धनतेरस क्यों मनाया जाता है? जानें इसके पीछे की कहानी

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 15, 2023

धनतेरस को सोना, चांदी

आधुनिक समय में धनतेरस को सोना, चांदी और अन्य धातुएं, विशेषकर बरतन खरीदने के लिए सबसे शुभ अवसर के रूप में जाना जाता है.

नया धन या कीमती धातु

ऐसा माना जाता है कि नया धन या कीमती धातु से बनी कोई वस्तु सौभाग्य का संकेत है.

नई खरीदारी

हिंदू इसे नई खरीदारी, विशेषकर सोने या चांदी की वस्तुओं और नए बर्तनों की खरीदारी के लिए बेहद शुभ दिन मानते हैं.

धनतेरस की रात

धनतेरस की रात को, लक्ष्मी और धन्वंतरि के सम्मान में पूरी रात दीये जलाए रखे जाते हैं.

धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी

धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए पूरे घर में चावल के आटे और सिन्दूर पाउडर से छोटे पैरों के निशान बनाए जाते हैं.

पूजा धनतेरस

धन्वंतरि, जिनकी पूजा धनतेरस के अवसर पर भी की जाती है. धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है.

धनत्रयोदशी

धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. वह पहला दिन है जो भारत के अधिकांश हिस्सों में दिवाली के त्योहार का प्रतीक है.

महाराष्ट्र में एक अजीब परंपरा

महाराष्ट्र में एक अजीब परंपरा है जहां लोग सूखे धनिये के बीजों को गुड़ के साथ हल्के से पीसते हैं और मिश्रण को नैवेद्य के रूप में चढ़ाते हैं.

देवी लक्ष्मी की स्तुति

देवी लक्ष्मी की स्तुति में भजन या भक्ति गीत गाए जाते हैं और देवी को पारंपरिक मिठाइयां अर्पित की जाती हैं.

धनतेरस का त्योहार

धनतेरस का त्योहार लक्ष्मी पूजा के रूप में मनाया जाता है, जो शाम को मिट्टी के दीपक (दीये) जलाए जाने पर किया जाता है.

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