भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से तीसरा वराह अवतार है.

Gangesh Thakur
Apr 09, 2023

विष्णु भगवान के इस वराह अवतार की पूजा वरूथिनी एकादशी के दिन की जाती है.

इस बार वरूथिनी एकादशी 30 अप्रैल को पड़ रही है. ऐसे में इसी दिन भगवान वराह की पूजा होगी.

इसे वरूथिनी ग्यारस भी कहा जाता है, इस दिन उनके जन्‍म की कथा सुनना और पूजा करना पुण्‍य फल देता है.

मान्यता है कि भगवान विष्णु का यह वराह अवतार दैत्यों के नाश के लिए हुआ था.

मान्यता है कि ब्रह्मा जी की नासिका से वराह नारायण का जन्म हुआ.

मान्यता है कि श्रीहरि के वराह अवतार ने समुद्र से पृथ्वी को निकाला और राक्षसों का नाश कर मानवता की रक्षा की.

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