बिहार का एक ऐसा गांव जिसमें एक स्कूल में मात्र 16 बच्चों का ही नमांकन है. शिक्षक की संख्या तीन है, शिक्षा विभाग जिला प्रशासन इस स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने को ले दिन रात परिश्रम कर रहा है, क्योंकि इस गांव का भ्रमण करने सीएम नीतीश कुमार आ रहे हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि ये आखिर बिहार में कहां पर है. आइए जानते हैं.
यह मामला बेतिया के धोखराहा पंचायत का शिकारपुर गांव है, लेकिन 16 से बच्चों की संख्या 17 नहीं हो पा रही है. कारण जानकर आप हैरान हो जाएंगे. बच्चों की संख्या कम क्यों है. यह गांव काफी ही सुखी सम्पन्न है. यहां के बच्चों बाहर के बड़े बड़े स्कूलों में पढ़ते है. अधिकतर लोग नौकरी पेशा से जुड़े हैं. सभी बाहर रहते है. यह गांव का विद्यालय है इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय रंग रोगन किया जा रहा है.
कक्षा एक से कक्षा पांच तक के इस विद्यालय में मात्र 16 बच्चों का ही नमांकन है. स्कूल में तीन शिक्षक हैं. गांव के लोग शहरों में रहते है या नौकरी पेशा हैं. लिहाजा इस स्कुल में बच्चों की कमी आ गई है. प्रधानाध्यापक का कहना है कि हमलोग गांव में बहुत घूमते है. सभी के बच्चे बड़े बड़े शहरों में पढ़ते है. इस स्कूल से आप सहज अंदाजा लगा सकते है की यहां गांव में सरकारी विद्यालय में पढ़ने के लिए बच्चे तक नहीं मिल पा रहे है.
ग्रामीण अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहे हैं. सरकारी स्कुल गांव के बच्चों का राह देख रहा है, लेकिन विकास की रफ्तार ने गांव के बच्चों की राह बदल दी है.
सीएम के आगमन को लेकर डीएम दिनेश कुमार राय गांव का भ्रमण कर रहे हैं. बता दें कि सीएम नितीश कुमार महिला संवाद प्रस्तावित यात्रा के दौरान इस गांव का भ्रमण करने वाले हैं.
रिपोर्ट: धनंजय द्विवेदी
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