मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में 28 नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 था जबकि 29 नवंबर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 329 रहा है जो कि 24 घंटे का औसत है. यह वायु प्रदूषण के लिहाज से संतोषजनक नहीं माना जा सकता है.
28 नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 रहा जिसमें पीएम 2.5(धूलकण आदि) का 24 घंटे का औसत 207.4 6 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर तथा 29 नवंबर को 157.79 माइक्रोग्राम/ क्यूबिक मीटर रहा.
वही विषैले गैसों की मात्रा को यदि हम देखते हैं तो 28 नवंबर को हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा 16.19 ( लिमिटेशन-80) नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 2.02 (लिमिटेशन-80), कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा 1.43(लिमिटेशन-2), ओज़ोन 39.45 (लिमिटेशन-100) जबकि 29 नवंबर की बात करें तो सल्फर डाइऑक्साइड 13.97 नाइट्रोजन ऑक्साइड 1.65 और कार्बन मोनोऑक्साइड 0.62 और ओजोन 14.41 रहा है.
उक्त आंकड़ों से यह विदित होता है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक होता है तो उसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता. PM 2.5 और पीएम 10 सॉलिड एवं गैसों के रूप में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन इन सबों की उपस्थिति का 24 घंटे के औसत को मिश्रित करने के बाद 24 घंटे का एयर क्वालिटी इंडेक्स सामने आता है.
मान लें कि 24 घंटे का एयर क्वालिटी 29 तारीख का 329 है तो उसमें पीएम 2.5, पीएम 10, so2 NO2 , कार्बन मोनोऑक्साइड, और ओजोन सभी शामिल है. 24 घंटे के एयर क्वालिटी इंडेक्स को 24 घंटे का पीएम 2.5 नहीं माना जा कता है.
बावजूद इसके हवा में पीएम 2.5 की उपस्थिति भी संतोषजनक नहीं है. फिर भी देश के अन्य शहरों की तुलना में कम है विशेषकर दिल्ली में आजकल 24 घंटे का एयर क्वालिटी इंडेक्स का औसत 470 के लगभग पाया जा रहा है वही पीएम 2.5 की मात्रा भी लिमिटेशंस से चार साढ़े चार गुना अधिक पाया जा रहा है. वहीं विषैली गैसों की उपस्थिति कई बड़े शहरों की तुलना में कम है.
उत्तर भारत के शहरों में, इसमे मुजफ्फरपुर भी मुख्य रूप से शामिल है ,जाड़े के मौसम में हवाएं ठंडी होने से भारी होकर नीचे की ओर बैठती हैं जिसके कारण प्रदूषित वायु वायुमंडल की निचली परत में स्थापित हो जाती है जो वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण के रूप में हमारे सामने आता है.
मुजफ्फरपुर शहर की हवा में बढ़ते धूलकणों के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों को निर्देश दिया दिया गया है.विशेषकर नगर निगम ,परिवहन विभाग, खनन विभाग, उद्योग विभाग, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड तथा अन्य विभागों को इस संबंध में त्वरित करवाई करने हेतु निर्देशित किया गया है.