बिहारः नसबंदी कराने के बाद महिला ने दिया बच्चे को जन्म, पति ने की मुआवजे की मांग
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बिहारः नसबंदी कराने के बाद महिला ने दिया बच्चे को जन्म, पति ने की मुआवजे की मांग

नसबंदी करवाने के बाद महिला गर्भवती हुई और एक बच्चे को जन्म दिया. अब पति सरकार से मुआवजे की मांग कर रहा है.

महिला ने नसबंदी के बाद बच्चे को जन्म दिया है.

अमित सिंह/किशनगंजः बिहार के किशनगंज में एक शख्स ने सदर अस्पताल में परिवार नियोजन के तहत पत्नी का नसबंदी ऑपरेशन करवाया था. लेकिन महिला गर्भवती हो गई और उसी अस्पताल में एक अगस्त को बच्चे को जन्म दिया जिस अस्पताल में उसने नसबंदी करवाई थी. अब पति की मांग है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर है इसलिए सरकार उसे बच्चे की पढ़ाई और पालन पोषण के लिए मुआवजा दे.

जनसख्या वृद्धि पर रोक लगाने के उद्देश्य से किये जानेवाले नसबंदी ऑपरेशन फेल हो रहे हैं. किशनगंज के रुइधासा मुहल्ले की रहनेवाली महिला ने नसबंदी ऑपरेशन कराने के बाद फिर से मां बन चुकी है. स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही की वजह से इस गरीब दंपति को बड़ा झटका लगा है. महिला पहले से ही दो बच्चे होने के कारण 6 दिसंबर 2018 को किशनगंज सदर अस्पताल में नसबंदी करवाई थी. जिसके कुछ ही महीनों के बाद जैसे ही गर्ववती होने की बात की जानकारी उनको हुआ तो उनके होस उड़ गए.

महिला जिला चिकित्सालय में अपना जांच भी करवाया तो पता चला की पांच माह की गर्भवती है. एक अगस्त को महिला ने बच्चे को जन्म दिया है. जिसके बाद महिला के पति का कहना है कि आर्थिक तंगी के चलते पहले से ही दो बच्चो का पालन पोषण भारी पड़ रहा है. अब तीसरे की देख भाल करना काफी मुश्किल होगा. अब उसने नवजात की पढाई लिखाई के खर्च के साथ मुआवजा की मांग जिला प्रशासन से किया है.

स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है कि ऑपरेशन के बाद चिकित्सक द्वारा महिला और उसके पति को कुछ टिप्स दिया जाता है जो नहीं किया गया जिस वजह से भी गर्भवती होने का एक कारण बनता है. वहीं, दूसरा कारण चिकित्सक की लापरवाही से भी महिला नसबंदी के बाद भी गर्ववती हो गई.

नसबंदी के बाद महिला का गर्भवती होना लोगों का विश्वास स्वास्थ्य विभाग और नसबंदी से उठाना लाजमी है. नसबंदी का ऑपरेशन फेल होने के कारण, ऑपरेशन के आठ माह बाद महिला एक संतान को जन्म दी. जब मामले को लेकर किशनगंज सिविल सर्जन  से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऑपरेशन फेल होने की स्थिति में सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है. जांच के बाद महिला को अनुदान की राशि उपलब्ध करवा दिया जायेगा.