बोकारो: सांप काटने से युवक की हुई मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया बड़ा आरोप...
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बोकारो: सांप काटने से युवक की हुई मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया बड़ा आरोप...

परिजनों ने युवक के मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी बताया है. साथ ही, अस्पताल पर आदिवासियों के साथ इलाज में भेदभाव करने का आरोप भी लगाया गया है.

 

मृतक के परिजनों ने युवक के मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी बताया है.

बोकारो: झारखंड के बोकारो में सांप काटने से एक आदिवासी युवक की मौत के बाद, परिजनों ने निजी अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और इस दौरान जमकर हंगामा किया. परिजनों का कहना है कि, रूपलाल सोरेन (28) रात को जमीन पर सो रहे थे, तभी एक जहरीले सांप ने काट लिया. इसके बाद, परिजनों द्वारा उसे लेकर मध्य रात्रि में आईईएल स्थित निजी अस्पताल पहुंचे. लेकिन उन्हें अस्पताल के बाहर ही रोक दिया गया.

इस दौरान ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने लापरवाही कर तकरीबन एक घंटे तक कोई संज्ञान नहीं लिया. हालांकि, रात्रि ड्यूटी में तैनात नर्स द्वारा अस्पताल के डॉक्टर को फोन पर सूचना दी गई. लेकिन डॉक्टर ने फोन पर ही मरीज के हालात को गंभीर बता, दूसरे अस्पताल में जाने को कह दिया.

इसके बाद, मजबूरन परिजन इलाज की सुविधा किसी अन्य अस्पताल में नहीं रहने के कारण, मरीज को लेकर रात 2 बजे घर वापस लौट गए. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि सुबह फिर से युवक को अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है, जहां बुधवार शाम 4 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाती है.

वहीं, परिजनों द्वारा मौजूद संसाधन रहने के बावजूद, इलाज नहीं करने, डॉक्टर को मिली सूचना के बाद भी ससमय अस्पताल नहीं पहुंचने का आरोप लगाकर प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया गया और शव को लेने से साफ इनकार कर दिया गया.
 
परिजनों ने कहा कि, मरीज का अगर सही समय पर इलाज होता तो उसकी जान बच सकती थी. हम लोग बार-बार ड्यूटी पर तैनात लोगों को आग्रह करते रहे कि, मरीज को सांप ने काट लिया है और इलाज करना जरूरी है पर उन्होंने, हमारी एक बात नहीं सुनी और इलाज नहीं किया. इससे उसकी मौत हो गई.

मृतक के परिजनों ने युवक के मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी बताया है. साथ ही, अस्पताल पर आदिवासियों के साथ इलाज में भेदभाव करने का आरोप भी लगाया गया है. जानकारी के बाद, अस्पताल पहुंचे गोमिया अंचल निरीक्षक सुरेश वर्णवल व आईइएल थाना प्रभारी सृष्टिधर महतो ने मामले पर अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई है.

वहीं, घटना में इलाज में असुविधाओं का हवाला देकर अपने को बेकसूर बता रहे डॉक्टर ने रात को फोन पर नर्स के साथ हुई बातचीत को पूरी तरह नहीं समझ पाने की बात कह, अपनी गलती को माना है. जबकि परिजनों ने सुबह प्रबंधन से वार्ता करने और लापरवाही पर स्थित स्पष्ट करने की मांग पर अड़े थे और देर रात तक शव को अस्पताल से नहीं उठाया.