राहुल और तेजस्वी की नेतृत्व फेल, पुराने हाथों में पहुंची RJD-Congress की कमान
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राहुल और तेजस्वी की नेतृत्व फेल, पुराने हाथों में पहुंची RJD-Congress की कमान

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का नेतृत्व फेल होने के बाद जो स्थितियां पैदा हुई, उसमें कांग्रेस और राजद का नेतृत्व फिर पुराने हाथों में चला गया है.

कांग्रेस और आरजेडी की कमान अब पुराने हाथों में चली गई है. (फाइल फोटो)

पटनाः युवा नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का नेतृत्व फेल होने के बाद जो स्थितियां पैदा हुई, उसमें कांग्रेस और राजद का नेतृत्व फिर पुराने हाथों में चला गया है. कांग्रेस का काम अब सोनिया गांधी देख रही हैं, तो राजद की बैठकें राबड़ी देवी के नेतृत्व में हो रही हैं. जिसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है. सत्ताधारी जदयू और भाजपा दोनों को पारिवारिक दल करार दे रहे हैं, जबकि कांग्रेस और राजद का कहना है कि हम चुनाव भले हारे हैं, लेकिन हमारी विचारधारा अब भी जिंदा है. 

युवा जोश, नयी सोच का नारा बुलंद करनेवाली कांग्रेस और उसकी सहयोगी राजद का 2019 के चुनाव में सपना क्या टूटा. युवा नेतृत्व भी धाराशायी हो गया. राजनीति की सबसे बड़ी लड़ाई में फेल होने के बाद दोनों दलों के युवा नेतृत्व ने राजनीति से ही दूरी बना ली है. राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया, तो तेजस्वी यादव बिना पद छोड़े ही गायब हैं. पटना लौटने की तारीख पर तारीख तय हो रही है, लेकिन तेजस्वी नजर नहीं आ रहे. सत्ताधारी जदयू और भाजपा दोनों की राननीति के दि इंड की भविष्यवाणी कर रहे हैं. 

जदयू- भाजपा के नेता भले ही राजद औक कांग्रेस को राजनीति में चुका हुआ बता रहे हैं, लेकिन दोनों दलों के नेता ऐसा बिल्कुल नहीं मानते हैं. कह रहे हैं कि 2019 में विचारधारा के आधार चुनाव ही नहीं हुये हैं. भाजपा ने मुद्दा बदल कर चुनाव जीता है, लेकिन हमने हार नहीं मानी है. हम आगे जरूर कामयाब होंगे. 

राजनीतिक दलों से अलग राजनीति जानकार भी कांग्रेस और राजद को पारिवारवादी पार्टी बता रहे हैं. कह रहे हैं कि अगर राजद और कांग्रेस की बागडोर लालू - गांधी परिवार से अलग गयी, तो बड़ा बिखराव होगा, जिससे झेल पाना दोनों दलों के लिए मुश्किल होगा.  

लोकसभा चुनाव में राहुल और तेजस्वी के नेतृत्व के फेल होने के बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि जिस तरह से दोनों दलों को नेतृत्व फिर पुराने हाथों में देना पड़ा है. उससे इनके राजनीतिक भविष्य सवाल खड़ा हो गया है.