युवराज तेजस्वी की पालकी ढो-ढो कर परेशान हो गई हैं महागठबंधन की अन्य पार्टियां- BJP
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युवराज तेजस्वी की पालकी ढो-ढो कर परेशान हो गई हैं महागठबंधन की अन्य पार्टियां- BJP

 बिहार बीजेपी प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने आरएलएसपी, हम और वीआईपी पार्टी के नेताओं की अलग संयुक्त बैठक पर कहा कि ये तीनों दल महागंठबंधन के भीतर उपेक्षित और घुटन महसूस कर रहे हैं.

युवराज तेजस्वी की पालकी ढो-ढो कर परेशान हो गई हैं महागठबंधन की अन्य पार्टियां- BJP. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार बीजेपी प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने आरएलएसपी, हम और वीआईपी पार्टी के नेताओं की अलग संयुक्त बैठक पर कहा कि ये तीनों दल महागंठबंधन के भीतर उपेक्षित और घुटन महसूस कर रहे हैं. हाल की राजनीति में देखें तो महागठबंधन के किसी भी दल के बीच को-ऑर्डिनेशन का अभाव दिखता है. 

हकीकत में आरजेडी ने सभी सहयोगी दलों की दरकिनार कर ठिकाने लगा दिया है. बिहार में कांग्रेस सहित इन तीनों दलों- आरएलएसपी, हम, वीआईपी के नेताओं की हैसियत आरजेडी के युवराज तेजस्वी यादव के पालकी ढोने वाले की हो गई है.

बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी की पालकी ढोते-ढोते परेशान लोगों ने बैठक की है जिसमें जल्द ही कांग्रेस भी पनाह लेने अगली बैठक में पहुंचेगी. 

वैसे भी आरएलएसपी, हम, वीआईपी की यह बैठक कांग्रेस के ही इशारे पर हो रही है. इन चारों दलों की दिक्कत यह है कि तेजस्वी की पालकी ढोकर, दाना-पानी-मेहनताना के लिए पूछ तो दूर की बात पिछलग्गू बनने पर मजबूर हैं.

निखिल आनंद ने महागठबंधन दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, दिलचस्प तो यह है कि महागठबंधन में सभी अपने मुंह मियां मिट्ठू बने हुए हैं. कांग्रेस देश की 135 साल पुरानी पार्टी है जिसका अपना हवा-हवाई इगो है. 

जीतनराम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री हैं, उपेन्द्र कुशवाहा मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, मुकेश साहनी स्वयंभू नेता हैं और तेजस्वी यादव आरजेडी के खानदानी युवराज हैं. 

अब ऐसे में महागठबंधन की स्थिति ईंट-रोड़ा जोड़कर भानुमति के कुनबे की तरह है. जाहिर है कि तेजस्वी की पालकी मुफ्त में नहीं ढोना चाहते आरएलएसपी-हम-वीआईपी-कांग्रेस नेता तो अलग बैठक कर एक दुसरे का दुख साझा कर रहे हैं.