शाहनवाज हुसैन को बिहार भेजकर बीजेपी ने उठाया बड़ा सियासी कदम
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शाहनवाज हुसैन को बिहार भेजकर बीजेपी ने उठाया बड़ा सियासी कदम

पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है. ऐसे में एक बार फिर केंद्रीय मंत्री का दायित्व संभाल चुके शाहनवाज हुसैन को बीजेपी ने विधान परिषद का प्रत्याशी घोषित कर सबको चौंका दिया.

फाइल फोटो

पटना: पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है. ऐसे में एक बार फिर केंद्रीय मंत्री का दायित्व संभाल चुके शाहनवाज हुसैन को बीजेपी ने विधान परिषद का प्रत्याशी घोषित कर सबको चौंका दिया. बीजेपी के इस कदम को लेकर अब दूरगामी तैयारी के संकेत मिल रहे हैं. इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को राज्यसभा भेजकर और तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया है. बीजेपी में रहते हुए मोदी की पहचान नीतीश कुमार के समर्थक के रूप में रही है.

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  2. सुशील मोदी को दिल्ली भेजा, शाहनवाज को बिहार
  3. एक साथ कई निशाने साध रही बीजेपी

नीतीश के साये से बाहर निकलना है बीजेपी की चुनौती

बीजेपी के सूत्र भी मानते हैं कि बीजेपी बिहार में एनडीए के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद किसी भी हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साये से बाहर निकलना चाह रही है, ऐसे में जहां सुशील मोदी को राज्यसभा भेज दिया गया. वहीं, पार्टी में मुस्लिम चेहरा शाहनवाज हुसैन को बिहार विधान परिषद में भेजने की रणनीति बनाई गई. राजनीतिक जानकारों की भी मानें तो बीजेपी ने शाहनवाज की बिहार की राजनीति में एंट्री करवा कर एक दूरगामी दांव खेला है. बीजेपी इस बदलाव के जरिए भविष्य की रणनीति तैयार कर रही है. बीजेपी के इस बदलाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर एक दबाव के तौर पर भी माना जा रहा है.

क्या कहते हैं जानकार?

राजनीतिक समीक्षक और बीबीसी के संवाददाता रहे मणिकांत ठाकुर कहते हैं, बीजेपी बिहार में इन बदलावों के जरिए सत्ता का भविष्य बुन रही है. भविष्य को लेकर वह एनडीए के घटक दलों को भी यह संदेश दे रही है वह अब आगे बढकर राजनीति करेगी. ठाकुर हालांकि यह भी कहते हैं कि अतिरेक उत्साह में इस बदलाव को अंतिम मान लेना भी अभी सही नहीं है, अभी आगे और कुछ देखने को मिल सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को भी इन बदलावों से यह संदेश दे दिया है कि वे या तो बीजेपी से सहमत हों या केंद्र में बड़ा पद ले लें. इसके अलावा बीजेपी उन्हें कड़ा संदेश भी दे रही है.

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सीमांचल में पकड़ बनाने की रणनीति

इधर, बीजेपी के नेता इस पर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं. बीजेपी के एक नेता नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि बीजेपी ने अब 'फ्रंट फुट' पर बिहार की राजनीति करने का मन बना लिया है. कुछ लोग यह भी मानते हैं कि बीजेपी एक ओर जहां बिहार में शाहनवाज हुसैन को मुस्लिम चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट कर सीमांचल में अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है वहीं आरजेडी के मुस्लिम वोट बैंक में भी सेंध लगाने की जुगत में है. कहा जा रहा है कि शाहनवाज हुसैन के आने से बिहार में बीजेपी को मजबूती मिलेगी तथा मुस्लिम समुदाय में अच्छा संदेश भी जाएगा. शाहनवाज की छवि युवा, तेजतर्रार और भरोसेमंद नेता की है. इधर, बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद भी कहते हैं कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेता है उसे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सहर्ष स्वीकार करते हैं. यह फैसला भी पार्टी नेतृत्व का है.

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