बिहार चुनाव के ऐलान से पहले पीएम मोदी और ओवैसी की हुई थी सीक्रेट मीटिंग- JDU ने किया दावा
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बिहार चुनाव के ऐलान से पहले पीएम मोदी और ओवैसी की हुई थी सीक्रेट मीटिंग- JDU ने किया दावा

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बिहार चुनाव के ऐलान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी के बीच मुलाकात का दावा किया है। वहीं, बीजेपी ने इस मुलाकात की खबर का पुरजोर खंडन किया है। जेडीयू नेता केसी त्‍यागी ने कहा कि बिहार चुनाव के ऐलान से पहले मोदी और ओवैसी के बीच सीक्रेट मीटिंग हुई थी। बीजेपी ने औवैसी को बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन को नुकसान पहुंचाने का कार्य दिया है।

बिहार चुनाव के ऐलान से पहले पीएम मोदी और ओवैसी की हुई थी सीक्रेट मीटिंग- JDU ने किया दावा

नई दिल्‍ली : जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बिहार चुनाव के ऐलान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी के बीच मुलाकात का दावा किया है। वहीं, बीजेपी ने इस मुलाकात की खबर का पुरजोर खंडन किया है।

जानकारी के अनुसार, जेडीयू महासचिव और वरिष्‍ठ नेता केसी त्‍यागी ने शुक्रवार को पीएम मोदी और ओवैसी के बीच मुलाकात का दावा किया है। उन्‍होंने कहा कि बिहार चुनाव के ऐलान से पहले मोदी और ओवैसी के बीच सीक्रेट मीटिंग हुई थी। जेडीयू नेता ने कहा कि बीजेपी ने औवैसी को बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन को नुकसान पहुंचाने का कार्य दिया है। सीमांचल में फायदे के लिए ओवैसी का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। ओवैसी बिहार में वोट कटवाने की भूमिका में आए हैं। त्यागी ने कहा कि ओवैसी को सीमांचल क्षेत्रों में बीजेपी की सहायता के लिए भेजा गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ओवैसी के सीमांचल क्षेत्रों में चुनाव लड़ने से महागठबंधन को कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं, जेडीयू ने ये भी कहा कि यदि ये मुलाकात नहीं हुई है तो प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) इसका खंडन करे।

केसी त्‍यागी ने यह भी कहा कि पीएम मोदी महागठबंधन कमजोर करने के लिए पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। पीएम अशांति फैलाने वाली ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं। बीजेपी अपने फायदे के लिए बिहार के चुनाव को पेचीदा बनाने की तैयारी में है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी और ओवैसी के बीच हुई मुलाकात का राज क्या है और मुलाकात में क्या बात हुई, यह दोनों को बताना चाहिए। मैं सुझाव देना चाहता हूं कि पीएम अपने पद की गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐसे कार्य न करें।

उधर, बीजेपी ने जेडीयू के इस दावे को खारिज किया है। बीजेपी प्रवक्‍ता एमजे अकबर ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मोदी और ओवैसी की मुलाकात की खबर अफवाह है,
ये खबर पूरी तरह गलत है। जिसने भी ये खबर फैलाई है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खबर छापने वाले पब्लिेकशन पर हम केस करेंगे।  

वहीं, इस मुलाकात की खबर पर कांग्रेस प्रवक्‍ता भीम अफजल ने कहा कि सीमांचल के इलाके में वोट को बांटने की कोशिश की जा रही है। केसी त्‍यागी एक जिम्‍मेदार नेता हैं और यदि उन्‍होने ये दावा किया है तो इसमें सच्‍चाई हो सकती है।

इससे पहले, कांग्रेस ने बीते दिनों ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बिहार में चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर उन पर यह कहते हुए प्रहार किया कि वह अपना नहीं, बल्कि भाजपा की सीमाओं का विस्तार करेंगे। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि जो लोग धर्मनिरपेक्षता की बातें करते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि उनके ऐसे कदम कहीं न कहीं सांप्रदायिकता को फायदा पहुंचाएंगे। ओवैसी को अहसास होना चाहिए कि वह परोक्ष रूप से किसकी मदद कर रहे हैं। सिंघवी ने ट्वीट किया था कि सीमांचल में चुनाव लड़कर ओवैसी अपनी सीमाओं का नहीं बल्कि भाजपा की सीमाओं का विस्तार करेंगे।

गौर हो कि पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सफलता चखने के बाद एआईएमआईएम अब बिहार विधानसभा चुनाव में उतर रही है जिससे इस महत्वपूर्ण उत्तरी राज्य में कड़े मुकाबले में एक नया पहलू जुड़ेगा। पार्टी ने बीते दिनों कहा था कि वह सीमांचल में उम्मीदवार उतारेगी जहां अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है। ओवैसी ने घोषणा की थी कि पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में केवल सीमांचल क्षेत्र में जोर आजमाइश करेगी। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी लेकिन सीमांचल क्षेत्र तक सीमित रहेगी जिसमें मुख्य रूप से चार जिले- अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार आते हैं।

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