Bihar Raj Bhavan on ACS KK Pathak: बिहार के सीनियर IAS और राज्य के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपनी विवादित कार्यशैली की वजह से अक्सर चर्चाओं में बने रहते हैं. उन पर कई बार कार्रवाई की मांग भी उठी, हालांकि सीएम नीतीश कुमार से करीबी की वजह से हर बार बात आई-गई हो गई. लेकिन अबकी बार मामला उनके लिए टेढ़ा पड़ सकता है. राज्य के 15 MLC की शिकायत पर राजभवन ने पाठक पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. इसके लिए राज्यपाल के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है.


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राज्यपाल से मिले थे 15 MLC


रिपोर्ट के मुताबिक 19 दिसंबर को 15 MLC के राज्यपाल से मिलकर कई मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपा था. उस ज्ञापन में शिक्षा विभाग की ओर से 21 और 28 नवंबर को जारी किए गए आदेशों पर आपत्ति जताई गई थी. साथ ही उन आदेशों को जारी करने वाले शिक्षा विभाग के मुखिया और राज्य के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ एक्शन लेने की डिमांड भी की गई.


शिक्षकों के संघ बनाने पर लगा बैन


प्रतिनिधिमंडल को लीड कर रहे CPI एमएलसी प्रो. संजय कुमार सिंह ने राज्यपाल को बताया कि शिक्षा विभाग ने कई तुगलकी आदेश जारी किए हैं. इन आदेशों में शिक्षकों और कर्मचारियों को संघ बनाने पर रोक लगा दी गई है, जो कि सरासर गलत है. उन्होंने बताया कि ACS केके पाठक के आदेश पर उनका वेतन और पेंशन दोनों रोक दिए गए हैं, जो कि संविधान के एकदम खिलाफ हैं. 


राजभवन ने मुख्य सचिव को भेजा पत्र


विधान पार्षदों ने कहा कि शिक्षा विभाग के इस तरह के आदेश उनके विशेषाधिकारों का सरासर उलंघन है. सभी विधान पार्षदों की शिकायत सुनने के बाद 
राज्यपाल ने अपर मुख्य सचिव पर कार्रवाई का निर्देश दिया. राज्यपाल के प्रमुख सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू की ओर से मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में शिक्षा विभाग के आदेश को असंवैधानिक बताते हुए आपत्ति जताई गई है. 


आदेशों को वापस लेने की मांग


राजभवन की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अपर मुख्य सचिव के आदेशों से ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग राज्य के एजुकेशनल सिस्टम को बर्बाद करना चाहता है. राजभवन ने इन आदेशों को विश्वविद्यालय अधिनियम के खिलाफ और असंवैधानिक बताते हुए तुरंत वापस लेने की मांग की है. 
राज्यपाल ने लिखा कि ऐसे आदेश शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर देंगे. लिहाजा इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए.