जज कैशकांड में बीजेपी का हल्ला बोल, शिवसेना बोली- केस को दबा रहे थे लेकिन...
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जज कैशकांड में बीजेपी का हल्ला बोल, शिवसेना बोली- केस को दबा रहे थे लेकिन...

दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर कैश मिलने वाला मामला बढ़ता ही जा रहा है. मामले की जांच के दौरान सियासी पार्टियां भी इसमें जमकर दिलचस्पी ले रही हैं. भाजपा और शिवसेना की तरफ इसको लेकर ताजा बयान सामने आएं हैं.

जज कैशकांड में बीजेपी का हल्ला बोल, शिवसेना बोली- केस को दबा रहे थे लेकिन...

Delhi High Court Judge Yashwant Verma: दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में जले हुए नोटों का वीडियो सामने आने के बाद अब सियासत तेज हो गई है. इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग गलत काम कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा,'ये बहुत गंभीर मामला है. जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं, उनमें नोटों की गड्डियां जली हुई दिख रही हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि ये मामला गंभीर है.'

सच्चाई सामने आनी चाहिए: BJP

नलिन कोहली ने आगे कहा,'इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच शुरू कर दी है. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट, हिमाचल हाई कोर्ट और कर्नाटक के जजों के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है, जो पूरे मामले की जानकारी लेगी. इस केस में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. यह भी पता चला है कि जब हाई कोर्ट के अधिकारी जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पहुंचे थे तो कमरा खाली मिला था. अगर पैसे एक वीडियो में दिख रहे हैं और बाद में वहां से गायब हैं तो सवाल यह उठता है कि उसे किसने हटाया. इस सच्चाई का बाहर आना बहुत जरूरी है.'

उन्होंने आगे कहा,'चीफ जस्टिस संजीव खन्ना समेत अन्य जजों का कॉलेजियम पहले से ही इस मामले को देख रहा है. मुझे लगता है कि सबकी एक ही चिंता है कि सच बाहर आए और इस मामले में जो भी कार्रवाई है, वो जल्द से जल्द हो. मैं इतना ही कहूंगा कि सच्चाई का सामने आना जरूरी है.'

मजबूर होकर करनी पड़ रही कार्रवाई

इस मामले पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि जनता के दबाव की वजह से इस मामले से पर्दा उठ पाया, नहीं तो इसे रफा-दफा कर दिया गया होता. प्रियंका ने कहा,'यह काफी गंभीर मामला है. जिस तरीके से पूरे केस को रफा-दफा करने और उस पर पर्दा डालने की कोशिश की गई, यह केस जनता के दबाव की वजह से सामने आ पाया. इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट को मजबूर होना पड़ा, नहीं तो यह केस दबा दिया जाता. मुझे लगता है कि ज्यूडिशल रिफॉर्म को लेकर आपसी सहमति बननी चाहिए.

संविधान के साथ किया गया खिलवाड़

जिस तरह से राज्य सरकार को बनाने और गिराने में संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है, उसे लेकर आंखों पर पट्टी डाली गई. बहुत सारे विवादित जजमेंट को लेकर अनदेखी की जा रही है.' उन्होंने आगे कहा,'जब जनता ने इसका विरोध किया, तब जाकर कमेटी बनी है. साफ हो गया है कि 15 तारीख से इस मामले को लेकर खबर चल रही थी और अब जाकर जांच शुरू हुई और कार्रवाई की गई. आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर आम देशवासी या किसी राजनेता के घर पर कैश मिलता तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती और उन्हें जेल में डाल दिया जाता.

क्या है मामला?

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवासीय बंगले में आग लगने से एक बड़ा खुलासा हुआ था. कथित तौर पर उनके घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था. इसने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के बंगले से कैश मिलने के आरोपों की जांच के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.

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