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ये हमारे लिए शर्म की बात है..., कफ सिरप कांड पर BJP ने DMK को घेरा; अन्नामलाई ने उठाई कंपनियों के ऑडिट की मांग

BJP Latest Reaction on Cough Syrup Scandal: कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से एमपी-राजस्थान में कई बच्चों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद बीजेपी ने तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर धावा बोला है. पार्टी नेता के अन्नामलाई ने कहा है कि इस घटना ने राज्य के सभी लोगों का सिर शर्म से झुका दिया है.

 

ये हमारे लिए शर्म की बात है..., कफ सिरप कांड पर BJP ने DMK को घेरा; अन्नामलाई ने उठाई कंपनियों के ऑडिट की मांग

K Annamalai Reaction on Cough Syrup Scandal: मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का मामला लगातार बड़ा मुद्दा बना हुआ है. जिस कफ सिरप Coldrif को पीने से बच्चों की जान गई. उसका निर्माण चेन्नई की Sresan Pharmaceuticals नामक दवा निर्माता कंपनी कर रही थी. इस घटना के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने कंपनी के मालिक और कुछ अन्य अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं इस मामले में राज्य में विपक्षी दल बीजेपी ने सत्तारूढ़ डीएमके सरकार पर करारा हमला बोला है. 

'15 दिन में कराओ दवा कंपनियों का ऑडिट'

तमिलनाडु के बीजेपी नेता के. अन्नामलाई ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा, 'तमिलनाडु जैसे राज्य में, जहां बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियां हैं, ऐसे कांड का होना चिंता का विषय है. कांचीपुरम आधारित इस कंपनी में समय-समय पर 364 से अधिक उल्लंघन पाए गए. इसके बावजूद कंपनी को काम करने और दवाइयां देश के विभिन्न हिस्सों में निर्यात करने की अनुमति दी गई.' 

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अन्नामलाई ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत हुई. ऐसे में मुझे लगता है कि तमिलनाडु सरकार को इस पर जवाबदेही तय करनी चाहिए. मुख्यमंत्री को इस पूरे मामले की समीक्षा करके अगले 15 दिनों में ऐसी सभी कंपनियों का गुणवत्ता ऑडिट कराना चाहिए. इससे यह सुनिश्चित होगा कि तमिलनाडु में बनी कोई भी दवा किसी के लिए हानिकारक न हो.'

'तमिलनाडु सरकार नहीं कर रही जांच में सहयोग'

वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की किडनी क्षतिग्रस्त हुई और कुछ बच्चों की मौत हुई. हमारी पुलिस ने जहां यह दवा बनी, वहां जाकर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन तमिलनाडु सरकार पर्याप्त सहयोग नहीं कर रही.' 

सीएम मोहन यादव ने कहा, 'दवा नियंत्रक को इस गैर-मानक दवा की पूरी जांच करके विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए. दवा बनाने वाली कंपनियों की जिम्मेदारी होती है कि उनका उत्पाद सुरक्षित हो. हमने अपनी जगह से रैंडम सैंपल लिया और यदि कोई त्रुटि हुई तो संबंधित नियंत्रक को हटा दिया गया. साथ ही सहायक को निलंबित कर दिया गया.' 

किस कंपनी की दवा से गई बच्चों की जान?

बताते चलें कि देश में कई बच्चों की मौत की जिम्मेदार Sresan Pharmaceuticals तमिलनाडु के कांचीपुरम में मंझोले स्तर की दवा निर्माता कंपनी है. यह कंपनी मुख्य रूप से खांसी और जुकाम की दवाएं बनाती है, जिसमें Coldrif cough syrup भी शामिल है. इस दवा को विभिन्न राज्यों में वितरित किया जाता रहा है.

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि इस कफ सिरप में कुछ हानिकारक रसायन और मिलावट की गई, जिससे बच्चों की किडनी पर असर पड़ा. हालांकि इतिहास में यह पहला मामला नहीं है जब देश में दवा सुरक्षा के उल्लंघन से मौतें हुई हों. लेकिन इस बार मामला उस कंपनी से जुड़ा है जो तमिलनाडु जैसे फार्मास्यूटिकल हब में स्थित थी. ऐसे में सवाल उठता है कि देश में सरकारी निरीक्षण और दवा नियामक तंत्र कितने पर्याप्त हैं. 

दवा उद्योग की निगरानी की उठी मांग

इस घटना के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें मृत बच्चों के परिवारों को सहायता उपलब्ध कराने और प्रभावित बच्चों का इलाज सुनिश्चित कराने में सक्रिय हैं. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी मामले की निरंतर निगरानी कर रहा है. इस सबके बीच सामाजिक संगठनों ने मामले को गंभीर बताते हुए चेतावनी दी कि भारत में दवा उद्योग पर नियमित और कठोर निगरानी जरूरी है. ऐसा न करने पर बच्चों के मरने की घटनाएं आगे भी होती रहेंगी. 

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Devinder Kumar

अमर उजाला, नवभारत टाइम्स और जी न्यूज चैनल में काम कर चुके हैं. अब जी न्यूज नेशनल हिंदी वेबसाइट में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और जियो पॉलिटिकल मामलों पर गहरी पकड़ हैं....और पढ़ें

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