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फिरोजाबादः फिरोजाबाद 16वीं सदी के पहले चंदावर के नाम से जाना जाता था. कहते हैं अकबर के मंत्री टोडरमल जब तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे तो इसी जगह उनको लूट लिया गया था. तब अकबर ने अपने मंसद फिरोजशाह को लुटेरों पर कार्रवाई करने के लिए भेजा था और इसके बाद इस शहर का नाम फिरोजाबाद रखा गया.
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अब बात करते हैं विधान सभा चुनाव से पहले फिरोजाबाद में चल रही चुनावी तैयारियों के बारे में. फिरोजाबाद में पांच विधान सभा 5 हैं.. टूंडला, जसराना, शिकोहाबाद, सिरसागंज और फिरोजाबाद. साल 2017 के पहले तक जिले की अधिकतर सीटों पर समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार का कब्जा रहता था. लेकिन 2017 में बीजेपी सपा को शिकस्त देने में कामयाब रही. 2017 के विधान सभा चुनाव में फिरोजाबाद की 5 में से 4 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
इटावा, फिरोजाबाद और मैनपुरी बेल्ट में सपा का असर पहले से रहा है. लेकिन, साल 2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने सपा के तिलिस्म को तोड़ दिया. शिकोहाबाद के बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा हाल ही में दल बदलकर सपा में शामिल हो गए हैं. वहीं, सपा के तीन बार विधायक रहे मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव ने सपा से नाता तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है.
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फिरोजाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक ओम प्रकाश वर्मा पार्टी से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. बताते चलें कि ओम प्रकाश वर्मा साल 2012 से 2017 तक शिकोहाबाद से विधायक रहे हैं. ओम प्रकाश वर्मा निषादों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं. शिकोहाबाद निषाद बाहुल्य क्षेत्र है. माना जा रहा है कि बीजेपी शिकोहाबाद से ओम प्रकाश वर्मा को टिकट दे सकती है.
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