West Bengal Politics: दिल्ली की जीत से बीजेपी का जोश हाई है. फरवरी की 'अगस्त क्रांति' के बाद BJP बंगाल में भगवा लहराना चाहती है. बीते एक दशक में दक्षिणपंथी विचारधारा वाली बीजेपी ने अपनी जड़े टीएमसी के गढ़ में जमा ली हैं.
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BJP 'Bangal cholo' West Bengal analysis: दिल्ली के चुनावी नतीजों ने पंजाब से लेकर बंगाल और जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक की सियासत हिला दी है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की अगुवाई में विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने वाला 'अश्वमेघ' यज्ञ का घोड़ा सरपट भाग रहा है. चारों दिशाओं में जिस रफ्तार से कमल खिल रहा है, उससे भारत का पॉलिटिकल नक्शा बहुत जल्द पूरी तरह से भगवा में रंगा नजर आ सकता है.
'बंगाल चलो' 2016 से 2025 तक कितनी मजबूत हुई बीजेपी
बंगाल में बीते तीन विधानसभा चुनावों से वाम दलों का बोरिया बिस्तर उखाड़ देने वाली ममता बनर्जी मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हैं. 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने हैट्रिक लगाकर लगातार तीसरी बार सत्ता में आई थी. बीजेपी ने तब 77 सीटें जीतकर ममता दीदी को तगड़ा झटका दिया था. इस तरह राज्य से कांग्रेस और लेफ्ट का पत्ता लगभग साफ हो गया था.
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इसी बीजेपी को 2016 के विधानसभा चुनावों में 3 सीटें मिली थीं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली AITC ने 211 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं लेफ्ट व कांग्रेस के खाते में कुल 70 सीटें आई थीं. 1990 के दशक में जब दिल्ली में बीजेपी की सरकार थी, तब बंगाल में कोई बीजेपी का नाम लेवैया और झंडा उठाने वाला भी बड़ी मुश्किल से मिलता था.
बीजेपी 15 सालों से (मोदी3.o) केंद्र की सत्ता में है. करीब 27 साल बाद जब उसे दिल्ली राज्य की सत्ता वापस मिली तो इस जीत से देशभर में बीजेपी का जोश हाई है. 2025 आते-आते बंगाल में बीजेपी का बड़ा जनाधार बन चुका है. ऐसे में बीजेपी का 'बंगाल चलो' मार्च कोई हड़बड़ी में उठाया गया कदम नहीं बल्कि एक कुशल और सोची समझी रणनीति माना जा रहा है.
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साल 2014 के बाद से, बीजेपी राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर दोनों जोन में एक चुनावी जीत से दूसरी चुनावी दिशा की जीत की दिशा में तेजी से बढ़ रही है. उत्तर भारत में बीजेपी की राह का सबसे बड़ा कांटा केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) थी, जो पिछले दशक में 2 बार भगवा सुनामी से बचने में कामयाब रही.
2025 बीजेपी के लिए लकी साबित हुआ और 27 साल बाद बीजेपी यहां पूर्ण बहुमत की सरकार बना रही है. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा की 48 सीटें जीतकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) को धूल चटा दी. उत्तर दिशा में राजधानी (दिल्ली) की सत्ता पर विराजित होने के बाद आत्मविश्वास से भरी बीजेपी ने पहले ही स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि उसका अगला मिशन पूरब दिशा के राज्य पश्चिम बंगाल में पैठ बनाना है.
दिल्ली की तरह, ममता बनर्जी शासित बंगाल में अपनी पैठ बनाना पिछले दो विधानसभा चुनावों से बीजेपी के लिए टेढी खीर था. राज्य में 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले 2014 में केंद्र में बहुमत के मोदी की सरकार बनने के बाद बीजेपी को बंगाल में एक प्रमुख पार्टी के रूप में उभरने की उम्मीद थी, लेकिन उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी ने तब 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में केवल 3 सीटें जीतीं थीं.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और बड़े जनादेश के साथ केंद्र में सत्ता में वापस आई और तब तक पूर्वोत्तर राज्यों में भी उसकी अच्छी उपस्थिति थी, जहां 2014 से पहले भाजपा की उपस्थिति नगण्य थी. 2 साल बाद, पार्टी ने ममता बनर्जी के किले में सेंध लगाने का एक और प्रयास किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बीजेपी की सीटों में बहुत भारी इजाफा हुआ लेकिन ममता बनर्जी की सत्ता नहीं हटी.
2015 और 2020 में दिल्ली की तरह, 2016 और 2021 में बंगाल में भी बीजेपी औंधे मुंह गिरी थी. ऐसे में दिल्ली में बीजेपी की जीत के साथ-साथ बंगाल के बीजेपी नेताओं को ये संभावना दिख रही है कि बंगाल अब उनके रेंज और राडार में आ गया है. बीजेपी दिल्ली में जीत का जश्न मना रही थी, तब सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर हमला बोलते हुए कहा था- 'दिल्ली के बाद, पश्चिम बंगाल की जनता TMC की भ्रष्टाचारी सरकार को उखाड़ फेकेगी.'
জেলায় জেলায় শীর্ষ নেতৃত্ব থেকে বুথ পর্যন্ত সকল স্তরের নেতৃবৃন্দরা দিল্লী বিধানসভা নির্বাচনে ভারতীয় জনতা পার্টির ঐতিহাসিক বিজয়ে বিজয় উৎসব করছেন।
দিল্লিতে বিদায় হল আপ, এবার যাবে পশ্চিমবঙ্গের পাপ। #दिल्ली_के_दिल_में_मोदी pic.twitter.com/ptvaVbMTI7
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) February 8, 2025
'दिल्ली की जीत हमारी है...2026 में बंगाल की बारी': BJP
अधिकारी ने कहा, 'दिल्ली की जीत हमारी है... 2026 में बंगाल की बारी है'. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार (Sukanta Majumdar) ने कहा- 'दिल्ली की जीत अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए बूस्टर डोज का काम करेगी'. बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ने कहा, 'दिल्ली के नतीजों से टीएमसी में घबराहट है.'