तो क्या जिन्ना हाउस को जमींदोज कर दिया जाएगा?
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तो क्या जिन्ना हाउस को जमींदोज कर दिया जाएगा?

देश की आर्थिक राजधानी और मायानगरी कहे जाने वाले मुंबई शहर की एक बड़ी रीयल एस्टेट डेवलपर कंपनी के प्रवर्तक (प्रमोटर) व विधायक मंगल प्रभात लोढा ने विधानसभा में कहा कि दक्षिणी मुंबई स्थित जिन्ना हाउस को ढहा दिया जाना चाहिए और उसके स्थान पर सांस्कृतिक केंद्र बनाया जाना चाहिए. 

दक्षिणी मुंबई स्थित मालाबार हिल इलाके में स्थित इसी जिन्ना हाउस में रची गई थी विभाजन की साजिश.(फाइल फोटो)

मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी और मायानगरी कहे जाने वाले मुंबई शहर की एक बड़ी रीयल एस्टेट डेवलपर कंपनी के प्रवर्तक (प्रमोटर) व विधायक मंगल प्रभात लोढा ने विधानसभा में कहा कि दक्षिणी मुंबई स्थित जिन्ना हाउस को ढहा दिया जाना चाहिए और उसके स्थान पर सांस्कृतिक केंद्र बनाया जाना चाहिए. 

गौरतलब है कि जिन्ना हाउस ढाई एकड़ ज़मीन पर बना हुआ है, जिसकी अनुमानित कीमत 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,603 करोड़ रुपये) है. विधायक का कहना है कि दक्षिणी मुंबई के मालाबार हिल इलाके में स्थित जिन्ना का यह ग्रैंड हाउस वही जगह है जहां से विभाजन की साजिश रची गई थी. महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक लोढ़ा ने तर्क दिया कि इस बंगले के रखरखाव में लाखों रुपये बर्बाद करने पड़ रहे हैं.

जिन्ना के बंगले की खासियत क्या है?
1930 के दशक के अंतिम वर्षों में यूरोपीय स्टाइल में बना ये बंगला मुंबई के समुद्रतट पर स्थित है. इसे 'जिन्ना हाउस' के नाम से भी जाना जाता है. जिन्ना ने इसे 1936 में 2 लाख रुपए में खरीद था और फिर उसे अपने हिसाब से बनवाया था. करीब ढाई एकड़ में बनी इस कोठी के निर्माण में अखरोट की लकड़ी और इटली के संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है. कहते हैं कि इसी घर में जिन्ना की नेहरु और गांधी के साथ ऐतिहासिक मुलाकात भी हुई थी. यह बगला कई दशक तक ब्रिटेन के डिप्टी हाईकमिश्नर का आवास भी रहा है, लेकिन वर्ष 1982 के बाद से यह लगभग बंद पड़ा है. 

बंगले को उच्चायोग बनाना चाहता है पाक
पाकिस्तान सरकार इस बंगले को खरीदना चाहता है. हाल में पाकिस्तान ने भारत से आग्रह किया था कि इस बंगले में वह अपने कॉन्स्यूलर कार्यालय बनाना चाहता है, लेकिन भारत ने इस आग्रह को ठुकरा दिया. फिलहाल इस बंगले पर ताला लगा हुआ है. साल 2007 में मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी दिना वाडिया ने मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बंगले के मालिकाना हक की मांग की थी. मालूम हो कि दिना के बेटे नुस्ली वाडिया मुंबई में ही रहते हैं और टेक्सटाइल तथा रीयल एस्टेट का काफी बड़ा कारोबार चलाते हैं.
 
शत्रु सम्पत्ति कानून से राह आसान
विभाजन के बाद भारत ने ऐसी सभी चल तथा अचल संपत्ति को जब्त कर लिया था, जो पाकिस्तानी लोगों द्वारा छोड़ी गई थी, जिन्होंने पाकिस्तान जाने का निर्णय किया था और इस तरह की संपत्ति को 'विस्थापितों की संपत्ति' करार दिया गया था. लेकिन सद्भावना के तहत उठाए गए कदम के तौर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यह सुनिश्चित करवाया कि मोहम्मद अली जिन्ना या उनकी पुत्री को विस्थापित न लिखा जाए और न ही उनकी संपत्ति को 'विस्थापितों की संपत्ति' के रूप में दर्ज किया जाए. पिछले सप्ताह संसद ने नए शत्रु संपत्ति कानून को पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि बंटवारे के वक्त पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों के वंशजों का उस संपत्ति पर कोई दावा नहीं रहेगा, जो उनके परिवारों ने भारत में छोड़ी थी.

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