Nishikant Dubey's SC Remark: निशिकांत दुबे ने शनिवार को वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के संदर्भ में विवादित बयान देकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया. इसके बाद बीजेपी ने उनके बयान से खुद को किनारा कर लिया है और विपक्ष लगातार हमले कर रहा है.
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Nishikant Dubey Comment on Supreme Court: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद शुरू हो गया है. इसके बाद पार्टी ने खुद को निशिकांद दुबे के बयान से अलग कर लिया है. इसके साथ ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने दिनेश शर्मा की टिप्पणी को भी उनका निजी विचार बताकर खारिज कर दिया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ निशिकांत दुबे की टिप्पणी के बाद भाजपा पर निशाना साधा है.
निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा ने क्या कहा था?
बता दें कि झारखंड के गोड्डा से चार बार के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) पार्टी के सबसे मुखर सदस्यों में से एक हैं. निशिकांत दुबे ने शनिवार को वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के संदर्भ में विवादित बयान देकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए पहले कहा था कि अगर शीर्ष अदालत को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना पर भी कटाक्ष किया था. उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी संसद या राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकता.
बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी से खुद को किया अलग
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भाजपा का उसके सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका और प्रधान न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है. ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं, लेकिन भाजपा न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है. भाजपा इन्हें पूरी तरह से खारिज करती है.' नड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं और अन्य लोगों को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और उसके सुझावों एवं आदेशों को सहर्ष स्वीकार किया है, क्योंकि एक दल के तौर पर उसका मानना है कि शीर्ष अदालत समेत सभी अदालतें लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं. भाजपा अध्यक्ष ने कहा, 'वे संविधान की रक्षा के एक मजबूत स्तंभ हैं.'
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन भाजपा ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और न ही कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है। भाजपा इन बयान…
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) April 19, 2025
असदुद्दीन ओवैसी ने भी जमकर सुनाया
निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी जमकर सुनाया है. एएनआई ने ओवैसी के हवाले से कहा, 'आप लोग (भाजपा) ट्यूबलाइट हैं... इस तरह से अदालत को धमकी दे रहे हैं... क्या आप जानते हैं कि (अनुच्छेद) 142 (संविधान का) क्या है?, इसे बीआर आंबेडकर ने बनाया था... भाजपा धोखाधड़ी कर रही है और धार्मिक युद्ध की धमकी दे रही है... आप लोग सत्ता में हैं और आप इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि आप अदालत को धार्मिक युद्ध की धमकी दे रहे हैं.' उन्होंने आग कहा, 'मोदी जी, अगर आप इन लोगों को नहीं रोकेंगे तो देश कमजोर हो जाएगा. देश आपको माफ नहीं करेगा और कल आप सत्ता में नहीं रहेंगे.'
कांग्रेस ने भी बीजेपी पर बोला हमला
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने निशिकांत दुबे के बयान की निंदा करते हुए कहा, 'भाजपा सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने में लगी हुई है. संविधान द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, मंत्री और यहां तक कि भाजपा के सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोल रहे हैं.'
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान को अपमानजनक करार देते हुए कहा कि शीर्ष अदालत पर उनका हमला स्वीकार्य नहीं है. यह सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक बयान है. निशिकांत दुबे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो लगातार सभी अन्य संस्थानों पर हमला बोलते रहते हैं. अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर हमला किया है. सुप्रीम कोर्ट पर उनका हमला स्वीकार्य नहीं है. बता दें, 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने नए संशोधित वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की. वक्फ कानून को इसी महीने की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों से पारित किया गया था.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा और आईएएनएस)