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नई दिल्ली : एक निजी स्कूल में छात्रों के माता पिता को ‘ब्लैकमेल’ करने के लिए उन्हें जानबूझकर फेल करने के मामले को लोकसभा में बीजेपी के एक सदस्य की ओर से उठाए जाने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री ने इसकी जांच कराने का वादा किया।
भाजपा सदस्य संजय जायसवाल ने सदन में शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना पर छात्रों को जानबूझकर फेल करने या पास होने पर भी अगली कक्षा में नहीं भेजने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा छात्रों के मातापिता से धन ऐंठने के लिए किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह सीबीएसई को इस मामले की जांच करने को कहेंगी। उन्होंने साथ ही कहा कि व्यवस्था में सुधार के लिए सदस्य ने जो सुझाव दिए हैं वह उन पर गौर करेंगी।
जायसवाल ने कहा कि स्कूल के कम से कम 30 छात्रों को स्कूल द्वारा किए जा रहे इस मानसिक उत्पीड़न के लिए मनोचिकित्सकीय परामर्श लेना पड़ा और दो छात्राओं में ‘आत्महत्या की प्रवृत्ति’ के लक्षण पैदा हो गए। उन्होंने कहा कि छात्रों को जानबूझकर फेल किया गया ताकि उनके माता पिता को ब्लैकमेल किया जा सके। जायसवाल ने कहा कि ऐसे निजी स्कूल ‘पैसा कमाने की मशीन’ बन गए हैं और एक अंगूठा छाप भी पैसा देकर स्कूल खोलने का लाइसेंस पा सकता है। उन्होंने ऐसी व्यवस्था किए जाने की मांग की कि निजी स्कूलों में भी छात्रों को मांगे जाने पर उत्तर पुस्तिका दिखाई जाए।
कई सदस्यों ने अपने हाथ उठाकर उनकी बात का समर्थन किया और खुद को उनके मुद्दे से संबद्ध किया।