चुनाव में अपने प्रत्याशी की हार के बाद बीएसपी ने हार का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया. बीएसपी सुप्रीमों मायावती के आरोपों का जवाब देने के लिए यूपी से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए जीवीएल नरसिंह राव सामने आए.
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नई दिल्लीः यूपी में शुक्रवार को आए राज्यसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी की 10 में 9 सीटों पर जीत को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती द्वारा खरीद-फरोख्त के आरोपों पर बीजेपी ने जवाब दिया है. पार्टी के प्रवक्ता और यूपी से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए जीवीएल नरसिंह राव ने कहा है कि बीएसपी के पास संख्या की कमी थी. जबसे बीएसपी चुनाव हारी है तब से बिना मतलब के बहाने बना रही है. आपको बता दें कि यूपी में शुक्रवार को राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव हुआ था जिसमें से 9 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों की जीत हुई और एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई. बीएसपी-सपा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी दूसरी वरीयता की वोटिंग में बीजेपी प्रत्याशी अनिल अग्रवाल ने बीएसपी के भीमराव अंबेडकर को हरा दिया.
चुनाव में अपने प्रत्याशी की हार के बाद बीएसपी ने हार का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया. बीएसपी सुप्रीमों मायावती के आरोपों का जवाब देने के लिए यूपी से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए जीवीएल नरसिंह राव सामने आए और उन्होंने कहा, 'जब से वह (बीएसपी) हारे हैं हमने उनकी कई बहानेबाजी सुनी है. उनके पास पर्याप्त संख्या में वोट ही नहीं थे. किसी तरह उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके वोट लेने की कोशिश की थी लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा. सपा अपना वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं करवा पाई. ऐसे में किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त की बात कहना बेबुनियाद आरोप है.'
Ever since they lost election we've been hearing several excuses from BSP. They didn't even have sufficient votes. Somehow they tried to get votes by getting close to SP to no effect. SP didn't transfer their votes. Horse-trading allegation baseless: GVL Narsimha Rao on Mayawati pic.twitter.com/jQZouGiA02
— ANI (@ANI) March 24, 2018
दरअसल विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर बीजेपी के 8 उम्मीदवारों का राज्यसभा चुनाव में जीतना लगभग तय माना जा रहा था और समाजवादी पार्टी की भी एक सीट पर जीत निश्चित थी. लेकिन मामला दसवीं सीट को लेकर फंसा था. जिसपर बीजेपी और बीएसपी प्रत्याशी (सपा+कांग्रेस समर्थित) के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा था. लेकिन सपा और बसपा के जेल में बंद एक-एक विधायकों के वोट नहीं देने के बाद मामला फंस गया था. रही सही कसर, बीएसपी के ही एक विधायक अनिल सिंह ने द्वारा क्रॉस वोटिंग ने पूरी कर दी. वहीं सपा के विधायक नितिन अग्रवाल ने भी बीजेपी को वोट दिया.
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दो विधायकों के वोट कैंसिल हो गए और निषाद पार्टी व दो निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को वोट दिया. इन सभी की वजह से बीएसपी के प्रत्याशी (बीआर अंबेडकर) पहली वरीयता में 37 वोटों का आंकड़ा नहीं छू सके और पहली वरीयता में बीजेपी प्रत्याशी (अनिल अग्रवाल) से ज्यादा वोट लेने के बावजूद भी वह दूसरी वरीयता में उनसे पिछड़ गए और बीजेपी ने 9वीं सीट भी जीत ली.