उत्तराखंड में फिर से सत्ता में लौटने की तैयारी कर रही बीजेपी ने 9 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. इससे पहले 59 सीटों की लिस्ट जारी हो चुकी है. 70 सदस्यों वाली विधानसभा में अब तक 68 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखंड विधान सभा चुनाव के लिए बुधवार को 9 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी कर दी. पार्टी ने पूर्व मुख्य मंत्री भुवनचंद्र खंडूरी की बेटी ऋतु को कोटद्वार से उम्मीदवार बनाया है.
एजेंसी की खबर के अनुसार, भाजपा ने 2017 के चुनाव में कोटद्वार से जीत दर्ज की थी. हरक सिंह रावत ने यहां से चुनाव जीता था. रावत ने अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
ऋतु खंडूरी ने पिछले चुनाव में यमकेश्वर से जीत दर्ज की थी. पार्टी इससे पहले 59 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है. इस सूची में खंडूरी का नाम नहीं था.
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भाजपा अब तक 68 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है. उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधान सभा के लिए एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है.
पार्टी ने केदारनाथ से शैलारानी रावत, हल्द्वानी से जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, झबरेड़ा से राजपाल सिंह, पिरंकलियार से मुनीश सैनी, रानीखेत से प्रमोद नैनवाल, जागेश्वर से मोहन सिंह मेहरा, लालकुंआ से मोहन सिंह बिष्ट और रुद्रपुर से शिव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिन दो सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है, उनमें डोइवाला और टिहरी सीट भी शामिल हैं.
पूर्व मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्तमान विधान सभा में डोइवाला सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर विधान सभा चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई थी. चुनाव में राज्य की सत्तारूढ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच एक बार फिर कड़ी टक्कर होने की संभावना है.
हालांकि, जानकारों का मानना है कि पहली बार राज्य में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) भी कुछ सीटों पर दोनों दलों के समीकरणों को प्रभावित कर सकती है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और पृथक राज्य आंदोलन का अगुआ रहा उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) भी अपना खोया प्रभाव दोबारा पाने के लिए प्रयासरत हैं. वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य की जनता ने कभी भी किसी राजनीतिक दल को दोबारा सत्ता नहीं सौंपी है. भाजपा इस बार के चुनाव में इस मिथक को तोड़ने का दावा कर रही है. पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी जबकि कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली थी. दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.
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