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नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष की सत्ता वाली राज्य सरकारों के बीच राजनीति का लंबा दौर चला. राज्यों की ओर से लगातार केंद्र पर वैक्सीन की सप्लाई ठीक तरीके से न करने के आरोप भी लगाए गए. लेकिन इसके बाद भी विपक्ष की सत्ता वाले राज्य वैक्सीनेशन (Vaccination) के मामले में पिछड़ गए हैं.
महामारी के दौरान सत्ता और विपक्षी सरकारों के प्रदर्शन का एक और उदाहरण सामने आया है. वैक्सीन को लेकर खूब राजनीति हुई थी और वैक्सीन की खरीद और उसकी कीमत को लेकर भी काफी हाय तौबा मचा था. लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 साल से ऊपर के सभी हिंदुस्तानियों को मुफ्त वैक्सीन का ऐलान किया तब जाकर वैक्सीनशन में तेजी आई थी. बावजूद इसके कई राज्य सरकारें मुफ्त की वैक्सीन को भी लोगों तक पहुंचाने में बहुत ज्यादा तेजी नहीं दिखा पाई हैं.
आंकड़ों के अनुसार कई विपक्षी दलों की सरकारों और सत्ता पक्ष की सरकरों के पहले (First Dose) और दूसरे डोज के वैक्सीनशन में काफी अंतर दिखा. कांग्रेस या उसके सहयोगियों की ओर से शासित कोई भी राज्य 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहली डोज और 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को दूसरी डोज देने में सफल नहीं हुए हैं.
खास बात ये है कि जो राज्य पर्याप्त लोगों को पहली और दूसरी डोज नहीं दे पाए हैं, वे अब बूस्टर डोज दिए जाने पर जोर दे रहे हैं. इसके ठीक विपरीत, बीजेपी शासित (BJP Ruled States) कम से कम 7 राज्यों ने पहली डोज का 90 प्रतिशत और दूसरी डोज के 50 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर लिया है.
कांग्रेस या सहयोगी और अन्य विपक्षी शासित राज्य (पहली, दूसरी डोज)*
• झारखंड -66.2% 30.8%
• पंजाब -72.5% 32.8%
• तमिलनाडु -78.1% 42.65%
• महाराष्ट्र -80.11% 42.5%
• छत्तीसगढ़ -83.2% 47.2%
• राजस्थान -84.2% 46.9%
• पश्चिम बंगाल -86.6% 39.4%
बीजेपी शासित राज्य (पहली, दूसरी डोज)*
• हिमाचल प्रदेश -100% 91.9%
• गोवा -100% 87.9%
• गुजरात -93.5% 70.3%
• उत्तराखंड -93.0% 61.7%
• एमपी-92.8% 62.9%
• कर्नाटक -90.9% 59.1%
• हरियाणा -90.04% 48.3%
• असम -88.9% 50%
• त्रिपुरा -80.5% 63.5%
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केंद्र की कोशिश है कि दिसंबर तक सभी सक्षम लोगों (Adult Population) को दोनों डोज लगा दिए जाएं. लेकिन इसके लिए सभी राज्य सरकारों को भी अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी क्योंकि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट आ रहे हैं और हर नया रूप पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. उस पर से अभी 18 साल से कम उम्र के बच्चों की वैक्सीन आना बाकी है.