नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि सभी गैर-सांप्रदायिक ताकतों को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए एक साथ आना चाहिए.
Trending Photos
कोलकाता: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि सभी गैर-सांप्रदायिक ताकतों को 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए एक साथ आना चाहिए और वाम दलों को उनके साथ शामिल होने में ‘‘हिचकना’’ नहीं चाहिए, क्योंकि ‘‘लोकतंत्र खतरे में है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें निश्चित रूप से निरंकुशता के विरुद्ध विरोध जताना चाहिए. हमें निश्चित रूप से उनकी निरंकुश प्रवृत्तियों के खिलाफ लड़ना चाहिए. हमें निश्चित रूप से उन मुद्दों की आलोचना करनी चाहिए जहां हमें गैर-सांप्रदायिक दक्षिणपंथी ताकतों के विरोध की आवश्यकता हो. जब बात सांप्रदायिकता से लड़ने की आए, तो हमें बिल्कुल अपने हाथ पीछे नहीं खींचने चाहिए, जो आज सबसे बड़ा खतरा बन गया है.’’
सेन ने केंद्र की बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को ‘‘महज 31 फीसदी वोट मिले और राजनीति में अपने गलत इरादों’’ की बदौलत पार्टी सत्ता में आई. वहीं, बीजेपी ने अमर्त्य सेन पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना उन लोगों से की जिन्होंने हमेशा समाज को गुमराह किया. पश्चिम बंगाल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘हमेशा वाम विचारधारा का अनुसरण करने वाले सेन जैसे बुद्धिजीवी वास्तविकता से दूर हो रहे हैं. सेन जैसे मार्क्सवादी लोगों का वर्तमान समय में ज्यादा महत्व नहीं है.’’ वर्ष 2019 लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के सेन के आह्वान पर बीजेपी नेता ने कहा कि उनके जैसे लोग हमेशा समाज को गलत दिशा में ले गए हैं.
(इनपुट भाषा से)