कृषि बिल को लेकर घर-घर जाएगी BJP, जनता को इसके फायदे बताएंगे सांसद
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कृषि बिल को लेकर घर-घर जाएगी BJP, जनता को इसके फायदे बताएंगे सांसद

 सरकार और सत्ता पक्ष किसान कानून को जमीन पर उतारने की रणनीति बना रहे है. बीजेपी ने कृषि कानूनों के प्रचार के बारे में अपने सांसदों को निर्देश जारी किए है. 

फाइल फोटो (जी मीडिया)

नई दिल्ली: किसानों से संबंधित कानून को लेकर पक्ष और विपक्ष ने अपनी-अपनी मोर्चाबंदी तेज कर दी है. विपक्ष सड़क पर है या सड़क पर उतरने की तैयारी में है. वहीं सरकार और सत्ता पक्ष किसान कानून को जमीन पर उतारने की रणनीति बना रहे है. बीजेपी ने कृषि कानूनों के प्रचार के बारे में अपने सांसदों को निर्देश जारी किए है. पार्टी ने लोक सभा और राज्य सभा दोनों  सांसदों से पूछा कि अभी तक इन ऐतिहासिक विधेयकों के पारित होने के बाद प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने क्या कार्यक्रम किए है? पार्टी ने कहा कि इस बारे में शीर्ष नेतृत्व ने जो आग्रह किया था, उस पर सांसदों ने क्या कार्यवाही की है? सांसदों से ये भी पूछा गया है कि किसानों का भ्रम दूर करने के लिए अगले 15 दिनों में क्या कार्यक्रम करने जा रहे हैं, इसकी भी जानकारी पार्टी को दें.

इसके पहले मॉनसून सत्र के दौरान भी शीर्ष नेतृत्व ने सभी सांसदों को फार्म बिल को अपने अपने क्षेत्रों में जनता तक पहुचाने का निर्देश दिया था. उसके बाद बीजेपी ने भी एक अभियान चलाने का निर्णय लिया था. बीजेपी ,किसानों के बीच इन क़ानूनों के प्रचार के लिए सात राज्यों और यूटी में पहले से ही "आत्मनिर्भर किसान" नाम से अभियान चला रही है.

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25 सितम्बर से 15 दिनों तक बीजेपी 7 राज्यों और यूटी में जनसंपर्क अभियान के जरिये इस बिल पर जागरूकता अभियान चला रही है. बीजेपी ने इस जनजागरण अभियान को आत्मनिर्भर किसान नाम दिया है. इस अभियान के तहत प्रत्येक गांव में इसे लेकर घर-घर संपर्क  किया जा रहा है. प्रत्येक गांव में जनसभा का आयोजन किया जा रहा है और चौपाल पर कृषि सुधारों की चर्चा की जा रही है.  आत्मनिर्भर किसान और इस ऐतिहासिक कानुन  को लेकर  किसान नेताओं एवं संगठनों के साथ इस संदर्भ में व्यापक चर्चा की जा रही है. इसके अलावा और भी कई तरह के निर्देश दिए गए थे. मसलन बुद्धिजीवी सम्मेलन करना, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना आदि.

अब पार्टी ने सभी सांसदों से पूछा है कि उन्होंने अपने अपने क्षेत्रों में किसान कानून के प्रचार प्रसार के लिये क्या किया। और अगले 15 दिन में क्या करेंगे. सभी सांसदों से इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है. ज़ाहिर है इस कानून के खिलाफ जिस तरह से विपक्ष लामबंद हुआ है और किसानों को सड़क पर लाने की कोशिश कर रहा है, उसकी काट और जवाब देने के लिये सांसदों को भी जमीन पर उतार दिया गया है. वैसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसान कानून के फायदे देश को बता रहे है और विपक्ष , खासकर कांग्रेस को आईना भी दिखा रहे है.

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